11जून को भगवान जगन्नाथ को 108 कलशों से कराया जाएगा स्नान
15 दिन बंद रहेगा मंदिर का पट
कोरबा । कोरबा शहर में प्रति वर्ष की तरह इस बार भी दादर स्थित श्री श्री जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन 27 जून को होगा जिसमें भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी। इस पावन अवसर पर भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे।रथ में सवार होकर वे नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए अपनी मौसी मां के मंदिर पहुंचेंगे, जहां वे 15 दिन का प्रवास करेंगे। 5 जुलाई को बाहुड़ा यात्रा के माध्यम से वे अपने मंदिर लौटेंगे। रथयात्रा से पूर्व भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा सुदर्शन के साथ स्नान पूर्णिमा 11 जून को स्नान मंडप पर 108 कलशों से स्नान करेंगे। मान्यता अनुसार, इस स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ अस्वस्थ हो जाएंगे और 15 दिनों तक अणसर में विश्राम करेंगे। मंदिर का पट बंद कर भगवान को काढ़े का भोग अर्पित किया जाएगा। मौसी मंदिर में प्रवास के दौरान प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। मंदिर प्रबंधन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए भोग वितरण की व्यवस्था भी की जाएगी।यह परंपरा भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होती है और सभी आयु वर्ग के श्रद्धालु इन आयोजनों में उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। अणसर में विश्राम के बाद, भगवान जगन्नाथ 28 जून को नेत्र उत्सव के दिन पुन: अपने स्थान पर विराजमान होंगे। अगले दिन, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपनी मौसी मां से मिलने नगर भ्रमण करते हुए उनके मंदिर जाएंगे। इस दौरान भगवान को उनके प्रिय पकवानों और प्रसाद का भोग अर्पित किया जाएगा। 5 जुलाई को बाहुड़ा यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपनी नगर यात्रा समाप्त कर वापस अपने मंदिर लौटेंगे। भक्तों का मानना है कि इस यात्रा के दौरान भगवान सभी के दुखों को हरते हैं और उन्हें सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। भगवान रुठी हुई माता लक्ष्मी को मनाते हुए अपने मंदिर वापस आएंगे। मंदिर में विधि-पूर्वक उनकी स्थापना की जाएगी। इसके बाद भगवान का दरबार भक्तों के लिए फिर से खुल जाएगा।