
नई दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से कृत्रिम वर्षा होगी, जिसके तहत 4 से 11 जुलाई के बीच क्लाउड सीडिंग की जाएगी, जो मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगी। सिरसा ने बताया कि कृत्रिम बारिश के लिए उड़ान योजना आईआईटी कानपुर ने आईएमडी पुणे को तकनीकी समन्वय के लिए प्रस्तुत की है। सिरसा ने कहा कि 3 जुलाई तक क्लाउड सीडिंग के लिए स्थितियां उपयुक्त नहीं हैं, लेकिन 4 से 11 जुलाई के बीच उड़ान प्रस्तावित की गई है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को एक प्रस्ताव भी भेजा गया है, जिसमें निर्धारित अवधि के दौरान मौसम प्रतिकूल रहने की स्थिति में वैकल्पिक विंडो का अनुरोध किया गया है ताकि बाद की तारीख में परीक्षण किया जा सके।
सिरसा ने कहा कि यह पहल प्रदूषण नियंत्रण में एक ऐतिहासिक कदम है और इसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में पर्यावरण विभाग द्वारा पहली बार लागू किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारा उद्देश्य दिल्लीवासियों को स्वच्छ हवा देना है।
हवाई क्षेत्रों में 5 विमान उड़ानें शामिल होंगी
इस परियोजना में उत्तर-पश्चिम और बाहरी दिल्ली में कम सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्रों में 5 विमान उड़ानें शामिल होंगी। लगभग 90 मिनट तक चलने वाली प्रत्येक उड़ान लगभग 100 वर्ग किलोमीटर को कवर करेगी। आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित इस फार्मूला में सिल्वर आयोडाइड नैनोकण, आयोडीन युक्त नमक और सेंधा नमक शामिल हैं, जो नमी युक्त बादलों में बूंदों के निर्माण में तेजी लाकर कृत्रिम बारिश को उत्प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
सिरसा ने कहा कि यह पहल प्रदूषण नियंत्रण में एक ऐतिहासिक कदम है और इसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में पर्यावरण विभाग द्वारा पहली बार लागू किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारा उद्देश्य दिल्लीवासियों को स्वच्छ हवा देना है।
हवाई क्षेत्रों में 5 विमान उड़ानें शामिल होंगी
इस परियोजना में उत्तर-पश्चिम और बाहरी दिल्ली में कम सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्रों में 5 विमान उड़ानें शामिल होंगी। लगभग 90 मिनट तक चलने वाली प्रत्येक उड़ान लगभग 100 वर्ग किलोमीटर को कवर करेगी। आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित इस फार्मूला में सिल्वर आयोडाइड नैनोकण, आयोडीन युक्त नमक और सेंधा नमक शामिल हैं, जो नमी युक्त बादलों में बूंदों के निर्माण में तेजी लाकर कृत्रिम बारिश को उत्प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है।