जांजगीर। कभी पौने आठ एकड़ में फैला सिवनी सूरीभाठा खार कन्हईबंद का ऐतिहासिक रजपाल तालाब अतिक्रमण की चपेट में आकर मात्र चार एकड़ में सिमट गया है। तालाब की तीनों पार को तोडक़र गांव के कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। इससे न केवल तालाब का अस्तित्व खतरे में है, बल्कि आसपास के किसानों की सिंचाई व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। गांव के छत्रपाल राठौर ने बताया कि यह तालाब उनके परदादा रजपाल राठौर की भूमि पर बना था। बाद में कुछ लोगों ने तालाब की सीमाओं को तोडक़र खेती करना शुरू कर दिया। तीन लोग कर रहे अवैध अतिक्रमण सात साल से रजपाल तालाब में अतिक्रमण जारी है। हमने तहसील व नैला चौकी में इसकी सूचना दी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। – विनोद गोयल, सरपंच, कन्हईबंद