
नईदिल्ली, 0२ जुलाई।
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले के आरोपितों में से नीलम आजाद और महेश कुमावत को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। इस मामले में सुनवाई के बाद 21 मई को कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। 13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की बड़ी वारदात हुई थी। संसद भवन के अंदर और बाहर कुछ लोगों ने कलर स्मोक कंटेनर से धुआं छोडक़र नारेबाजी की थी।संसद पर आतंकी हमले की बरसी पर यह सेंध लगाई गई थी। इस वारदात के मुख्य आरोपित सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा की कार्रवाई के दौरान विजिटर्स गैलरी से कूद गए थे। नीचे कूदने के साथ ही कलर स्मोक कंटेनर से पीला धुआं छोडक़र नारेबाजी की थी वहीं, आरोपित अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद भवन परिसर के बाहर कलर स्मोक कंटेनर से धुआं छोड़ा और नारे लगाए थ। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें नीलम आजाद और महेश कुमावत भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने इनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। ट्रायल कोर्ट ने पहले इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन हाई कोर्ट में अपील के बाद न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने 2 जुलाई 2025 को इन्हें जमानत दे दी। दोनों को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और दो जमानतदारों के साथ जमानत दी गई है।
इसके साथ ही कोर्ट ने शर्त रखी है कि नीलम और महेश न तो मीडिया को इंटरव्यू देंगे और न ही सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ी कोई पोस्ट करेंगे। दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने सभी तथ्यों और दलीलों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। सेंध का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिहाज से संवेदनशील माना जा रहा है।