मुंबई। वरली के नेशनल स्पो‌र्ट्स काम्प्लेक्स डोम में बनाए गए भव्य मंच पर 20 साल बाद हुईं दो चचेरे भाइयों उद्धव और राज ठाकरे की गलबहियां इस बात की गारंटी कतई नहीं हैं कि आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में शिवसेना उद्धव गुट और मनसे का राजनीतिक गठबंधन भी हो ही जाएगा।

भाषा के नाम पर हो रही राजनीति

करीब दो माह पहले राज ठाकरे ने फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर को साक्षात्कार देते हुए कहा था कि महाराष्ट्र के हित के सामने हमारे छोटे-मोटे झगड़े कुछ भी नहीं हैं। विधानसभा चुनाव में हुई दुर्गति से पीड़ित उद्धव ठाकरे को राज के इस बयान में अवसर नजर आया और उनकी पूरी पार्टी ने इसे लपक लिया। तभी से उनकी तरफ से राज के साथ संवाद साधने की कोशिश लगातार की जा रही है। इसी बीच महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक कक्षाओं में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाए जाने का आदेश जारी किए जाने के बाद जब राज ठाकरे ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, तो उद्धव को भी उनके सुर में सुर मिलाना अच्छा लगना ही था।