कोरिया/बैकुंठपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में कांग्रेस पार्टी एक समय में अपराजेय ताकत मानी जाती थी। लेकिन हाल के वर्षों में पार्टी की स्थिति कुछ हद तक डगमगाई है। 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब पार्टी को संगठनात्मक मजबूती, जनविश्वास और नेतृत्व क्षमता की पुनर्परिभाषा की आवश्यकता है। ऐसे समय में कांग्रेस के पुनर्जीवन के लिए एक सशक्त, अनुभवी और जनप्रिय नेतृत्व की जरूरत महसूस की जा रही है। इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत को पार्टी की बागडोर सौंपना एक निर्णायक और सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।
डॉ. चरणदास महंत छत्तीसगढ़ के एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपनी सादगी, मेहनत, और जनसेवा के जरिए प्रदेश की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है। वे केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक जननेता हैं, जो आम जनता की पीड़ा को समझते हैं और धरातल पर उतरकर उनके लिए संघर्ष करते हैं। कई बार सांसद, विधायक और मंत्री रह चुके डॉ. महंत की सबसे बड़ी ताकत है उनकी स्वीकार्यता — वे प्रदेश के सभी वर्गों, जातियों और क्षेत्रों में समान रूप से लोकप्रिय हैं। डॉ. महंत ने बतौर लोकसभा सांसद केंद्र में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं, और छत्तीसगढ़ में विधानसभा अध्यक्ष जैसे गरिमामयी पद को भी उन्होंने सफलता से संभाला है। वर्तमान में वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में एक सक्रिय और मजबूत भूमिका निभा रहे हैं। विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने किसानों, आदिवासियों, कर्मचारियों और युवाओं के हक की आवाज को मजबूती से उठाया है।