
याहूदोहा, 07 जुलाई ।
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर को लेकर समझौता नहीं बन पाया। दोनों देशों के बीच पहले दौर की वार्ता पूरी तरह से विफल रही। खबरों की मानें तो वार्ता में इजरायल का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारियों को खुद फैसला लेने का अधिकार नहीं दिया गया था, जिसके कारण यह वार्ता बेनतीजा ही रही।कतर की राजधानी दोहा में इजरायल और हमास का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था। दोनों देशों के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता का पहला दौर आयोजित किया गया था। इजरायली प्रतिनिधिमंडल के पास निर्णय लेने के पर्याप्त अधिकार नहीं थे। उन्हें इजरायल की तरफ से लागू की गई कुछ शर्तों का पालन करना था। इजलायली वार्ताकारों को स्पष्ट रूप से कहा गया था कि शर्तों के तहत की समझौता करना होगा। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसकी जानकारी देते हुए कहा-सीजफायर के लिए दोहा जाने वाले इजरायली प्रतिनिधिमंडल को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इजरायल के द्वारा स्वीकार की गईं शर्तों के हिसाब से ही समझौता होगा।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू अपने तीसरे अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि नेतन्याहू सीजफायर वार्ता को आगे बढ़ाने में ट्रंप की मदद मांग सकते हैं। बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि हमास ने जिन इजरायली नागरिकों को बंधक बनाया है, उन्हें छुड़वाना ही इजरायल का मुख्य उद्देश्य है। हालांकि, हमास के साथ सीजफायर को लेकर इजरायल में ही दो गुट बन गए हैं। नेतन्याहू की पार्टी के कई लोग सीजफायर का विरोध कर रहे हैं। वहीं, विदेश मंत्री गिदोन सार समेत कुछ सीजफायर के पक्ष में हैं।