
पटना। महागबंधन के बिहार बंद में निर्दलीय सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव बिन बुलाए मेहमान साबित हुए। उन्होंने नेताओं के भाषण के लिए बनाए गए अस्थायी मंच पर दो बार चढ़ने किया प्रयास किया। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें दोनों बार रोक दिया। पहले प्रयास में उन्हें इशारे से समझाया गया कि सूची में उनका नाम नहीं है। वे पीछे हटे और दोबारा प्रयास किया। इस बार सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ हलका बल प्रयोग किया। भारी-भरकम शरीर वाले पप्पू यादव मुश्किल से अपना संतुलन बना पाए। उनके पहले कांग्रेस के नेता कन्हैया कुमार ने भी मंच पर चढ़ने का प्रयास किया। उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोका। वे किनारे खड़े हो गए। दोबारा मंच पर चढ़ने का प्रयास नहीं किया।
विस्तार से समझिए पप्पू यादव के साथ क्या हुआ?
यह सब आयकर गोलंबर के पास हुआ। एक ट्रक को सजा संवारकर अस्थायी मंच का रूप दिया गया था। पप्पू यादव पूरी मुस्तैदी से बंद कराने आए थे।
उनके साथ समर्थकों की भी अच्छी भीड़ थी, लेकिन उस मंच पर उन्हें जगह नहीं मिली, जिस पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और महागठबंधन के दूसरे घटक दलों के नेता खड़े थे।