अहमदाबाद। गुजरात के वडोदरा की एक महिला ने आइवीएफ चिकित्सक के खिलाफ किसी अन्य व्यक्ति के शुक्राणु से उसकी पुत्री का जन्म कराने का आरोप लगाया है। पुत्री के बीमार होने पर महिला ने उसका डीएनए टेस्ट कराया। इसके बाद इसे मामले का पर्दाफाश हुआ। इस संबंध में महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है। हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

पूरा मामला मेडिकल रिपोर्ट पर टिका

इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि पैसों के लिए आइवीएफ चिकित्सक ने ऐसा किया होगा, इसकी उम्मीद बहुत कम है। लेकिन पूरा मामला मेडिकल रिपोर्ट पर टिका है। वह कुछ और कहानी बयां कर रही है। इसलिए, मामला सीधा तो नहीं लगता है।

पति के शुक्राणु को लेकर फ्रीज कर लिया

एक दंपत्ती ने 2023 में वडोदरा की महिला चिकित्सक से मिलकर आइवीएफ से बच्चे को जन्म देने की इच्छा जताई। डॉ. सुषमा लक्ष्मी ने इस दंपत्ती से मिलने के बाद आइवीएफ से बच्चे का जन्म कराने के लिए मार्च 2024 में मेडिकल प्रक्रिया शुरू की। उसके पति के शुक्राणु को लेकर फ्रीज कर लिया। महिला चिकित्सक ने आइवीएफ के लिए साढ़े पांच लाख रुपये लिए थे। चिकित्सकों की टीम ने पति का शुक्राणु लेने के बाद इन वीट्रो फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया शुरू की। लेकिन, पहला प्रयास विफल गया। कुछ दिनों बाद दूसरे प्रयास में महिला गर्भवती हुई और एक पुत्री को जन्म दिया। अप्रैल 2024 में जन्म के कुछ समय बाद पुत्री बीमार हुई तो उसका ब्लड टेस्ट कराया गया.