दीव, १३ जुलाई।
12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति बच पाया था विश्वास कुमार रमेश जो अभी भी सदमे हैं। इस विमान हादसे में उनके एक भाई की भी मौत हो गई थी। उनके चचेरे भाई ने बताया कि अब वह इस दर्दनाक अनुभव से उबरने के लिए मनोचिकित्सक की मदद ले रहे हैं। वह किसी से ज्यादा बात नहीं करते। 12 जून को लंदन जाने वाला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, तो भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक 40 वर्षीय विश्वास ही एकमात्र यात्री थे जो जीवित बच गए। उनके भाई अजय विमान में सवार 241 अन्य लोगों में शामिल थे, जिनकी मौत हो गई। लोग उनको दुनिया के सबसे भाग्यशाली जीवित व्यक्तियों में से एक मानते होंगे।उनके चचेरे भाई सनी ने बताया कि दुर्घटनास्थल के दृश्यों, उनके चमत्कारिक रूप से बच निकलने और उनके भाई की मृत्यु की यादें आज भी विश्वास को सताती हैं। विदेश में रहने वाले हमारे रिश्तेदारों समेत कई लोग विश्वास का हालचाल जानने के लिए हमें फोन करते हैं। लेकिन वह किसी से बात नहीं करते। वह अभी तक दुर्घटना और अपने भाई की मौत के मानसिक आघात से उबर नहीं पाए हैं।भाई सनी ने कहा कि वह अभी भी आधी रात को जाग जाता है और सो नहीं पाता है। हम उसे दो दिन पहले एक मनोचिकित्सक के पास ले गए थे ताकि इलाज मिल सके। उसने अभी तक लंदन लौटने की कोई योजना नहीं बनाई है क्योंकि उसका इलाज अभी शुरू हुआ है। विश्वास को 17 जून को अहमदाबाद सिविल अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
उसी दिन, डीएनए मिलान के बाद उसके भाई अजय का पार्थिव शरीर परिवार को सौंप दिया गया।विश्वास और अजय, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश के अंतर्गत आने वाले दीव में अपने परिवार से मिलने के बाद एयर इंडिया की उड़ान से लंदन लौट रहे थे।सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में, उन्हें 18 जून को अपने भाई के पार्थिव शरीर को कंधों पर उठाकर दीव के श्मशान घाट ले जाते हुए देखा जा सकता है। दुर्घटना के एक दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल में विश्वास से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा था।