कोरबा। खरीफ सीजन 2025 में कोरबा जिले के किसानों को सुविधा देने के लिए प्रशासन के द्वारा कई प्रकार से कोशिश की जा रही है। कृषकों को खाद और बीज के मामले में समस्या ना हो, इसका ध्यान रखा गया है। इस बीच खबर मिली है कि सिरमिना आदिवासी सेवा सहकारी समिति में संसाधन लेने के लिए स्थानीय किसान भटक रहे हैं जबकि पड़ोसी जिले के लोगों को उपकृत किया जा रहा है। शनिवार को इस मुद्दे को लेकर यहां विवाद की स्थिति निर्मित हो गई।
आदिवासी सेवा सहकारी समिति में हुए विवाद का वीडियो किसी व्यक्ति के द्वारा तैयार करने के साथ उसे सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया जो अब लगातार वायरल हो रहा है। कोरबा जिले के पौड़ी उपरोड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले सिरमिना स्थित आदिवासी सेवा सहकारी समिति से बड़ी संख्या में आसपास के कृषक वर्ग को जोड़ा गया है। यह कृषक खरीफ और रवि दोनों सीजन की फसल लेते हैं। वर्तमान में खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान के लिए प्राथमिक तैयारी की जा रही है। किसानों को बी के साथ-साथ फर्टिलिटी कैपेसिटी बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद की आवश्यकता है। कहीं पर पुराने मॉड्यूल में यह सुविधा भी आ रही है तो कहीं पर कमजोर स्थिति को देखते हुए लिक्विड फॉर्मेट में उपलब्धता कराई जा रही है जिसे नैनो फर्टिलाइजर का नाम दिया गया है।
मनमानी के साथ परेशान करने का आरोप
जानकार सूत्रों ने बताया कि इस सेवा सहकारी समिति में स्थानीय कृषक वर्ग को संसाधन दिए जाने के मामले में अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। कई चक्कर लगाने के बाद भी कृषक यहां से बैरंग लौटने को मजबूर हुए हैं। बताया गया कि नजदीकी इलाके में दूसरे जिले की सीमा लगती है और वहां से आने वाले कृषक बहुत ही आसानी से सुविधा प्राप्त करने में सफल हो रहे हैं। शनिवार को यहां इसी मसले को लेकर बात बिगड़ गई और स्थली किसानों ने इस पर विवाद किया। उनका कहना था कि जब हमारा पंजीयन इस सहकारी समिति में है तो हमें पहले प्राथमिकता दी जाए ना कि दूसरे जिले को। पूरे मामले की जानकारी दूसरे स्तर से भी प्रशासन और कृषि विभाग को दी गई है ताकि उसके उच्च अधिकारी मनमानी पर रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठा सके।