
सावन सोमवार व्रत में भगवान शिव को भोग लगाना अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है। इस दिन शिव जी को कुछ विशेष चीजें चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
भगवान शिव का भोग मंत्र : भगवान शिव को भोग लगाते समय उनके सरल से मंत्र ? नम: शिवाय का जाप करें। इसके अलावा इस प्रभावशाली मंत्र का भी उच्चारण किया जा सकता है- त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।
सावन सोमवार व्रत में भगवान शिव को लगाए जाने वाले भोग की सूची: इससे शिवलिंग पर अभिषेक करें और भोग दोनों में उपयोग करें।
शुद्ध गाय का दूध: शांति व शुद्धता का प्रतीक है। दही: मन को शांत करता है। शीतलता और संतुलन देता है।
घी: पवित्रता और सात्त्विकता का प्रतीक है।
शहद: मधुरता और समृद्धि का प्रतीक है।
शक्कर/गुड़: प्रसन्नता और ऊर्जा का संकेत है।पंचामृत: जो दूध, दही, घी, शहद और शक्कर मिलाकर बनाया जाता है। शिवलिंग पर चढ़ाकर भोग में भी अर्पित किया जाता है।सावन सोमवार व्रत में भगवान शिव को लगाएं ये भोग: चावल से बनी खीर, केसर खीर, साबूदाने से बनी खीर, मखाने की खीर, सफेद मावे से बनी बर्फी, भांग पेड़ा, भांग ठंडाई, ड्राई फ्रूट्स भी भोग लगाए जा सकते हैं।
फल: फलों में विशेषकर नारियल, केला, सेव, अनार आदि। ये सात्त्विक फल हैं, जो भोले बाबा को बहुत प्रिय हैं।
मेवा/मिश्री: शिव जी को शुद्धता व मिठास प्रिय है, मिश्री या मखाने अर्पण करें।
सादा खीर या साबूदाने की खीर: व्रत में बने शुद्ध और सात्विक भोजन का भोग लगाएं।
सत्तू या चने का भोग: यह भोग विशेष रूप से बिहार/उत्तर भारत में दिया जाता है।
बिल्व पत्र: भले ही खाने योग्य न हो लेकिन पूजा का यह सबसे प्रिय भोग है।
भगवान शिव को भोग में न चढ़ाने योग्य चीजें:
नमक या तामसिक पदार्थ (प्याज, लहसुन)
बासी या दूषित भोजन
खटाई (नींबू, इमली आदि)
भगवान शिव को भोग अर्पण विधि
शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद थाली में भोग सजाएं। भोग को शिव जी के समक्ष रखें और हाथ जोडक़र प्रार्थना करें:
हे भोलेनाथ, मेरी भक्ति को स्वीकार करें और यह भोग अर्पण स्वीकार करें।
घंटी बजाकर या शंख ध्वनि करके भोग समर्पित करें। अंत में वही भोग प्रसाद रूप में ग्रहण करें या परिवार में वितरित करें।