नईदिल्ली, २० जुलाई।
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है, जिसमें उपभोक्ताओं के राइट टु नो (जानने के अधिकार) की दुहाई देते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को सभी दुकानों पर दुकानदारों के नाम, पते फोन नंबर आदि प्रदर्शित करने का आदेश देने की मांग की गई है। दाखिल याचिका में उपभोक्ताओं को मिले जानने के अधिकार की दुहाई देते हुए कहा गया है कि प्रत्येक उपभोक्ता न सिर्फ उत्पाद की गुणवत्ता, मात्रा, शुद्धता, स्टैंडर्ड, निर्माण और एक्सपाइयरी तिथि तथा बीआईएस व एफएसएसएआई प्रमाणपत्र ही जानने का अधिकार नहीं बल्कि उपभोक्ता का यह भी अधिकार है कि वह उत्पाद बेचने वाले दुकानदार, वितरक व डीलर का ब्योरा भी जाने। ताकि वह अपनी शिकायत या समस्या के समाधान के लिए या फिर अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ शिकायत कर सके। भाजपा नेता वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय ने यह जनहित याचिका दाखिल की है जिस पर सोमवार को सुनवाई की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि उपभोक्ता को उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 की धारा 2(6), 2(9) और 2(11) के तहत यह अधिकार मिला हुआ है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि केंद्र सरकार व सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया जाए कि वे सुनिश्चित करें कि सभी दुकानदार, डीलर, वितरक प्रवेश द्वार पर बड़े अक्षरों में पंजीकरण नंबर के साथ नाम, पता, फोन नंबर और कर्मचारियों का ब्योरा लिखें। याचिका में केंद्र सरकार के अलावा सभी राज्य सरकारों को भी पक्षकार बनाया गया है।