अहमदाबाद, २० जुलाई ।
नकली पीएमओ अधिकारी, नकली टोल और नकली कोर्ट के बाद अब गुजरात में फर्जी तहसील पंचायत का कार्यालय खोलने का मामला सामने आया है। इस पंचायत कार्यालय के जरिये गांव की पांच एकड़ जमीन की नीलामी कर दी गई। इसके लिए पंचायत के असली लेटर हेड व सील का उपयोग किया गया। पंचायत के आदेश व प्रमाण पत्रों पर अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। इतना ही नहीं आवंटन के नाम पर आवेदकों से रिश्वत ली गई। इसमें गांव के एक पूर्व पटवारी व अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है।गोंडल के तहसील विकास अधिकारी मिलन उकावाला का कहना है कि इस बारे में उन्हें अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। राजकोट की गोंडल तहसील में फर्जी पंचायत कार्यालय खोलकर त्राकुडा गांव की पांच एकड़ जमीन की नीलामी की योजना बनाई गई। पूर्व व वर्तमान कर्मचारियों की मिलीभगत से पंचायत के लेटर हेड व सील की व्यवस्था की गई। कागजात पर अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कराए गए। गांव के ही कुछ लोगों ने इस योजना का प्रचार प्रसार किया। आवेदकों को एक लाख 40 हजार रुपये की कीमत में प्लाट देने का वादा कर उनसे स्थानीय विकास निधी, शिक्षा, सफाई कर वसूला गया। आवेदकों से प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से रिश्वत भी वसूली गई। त्राकुडा गांव के पूर्व पटवारी धर्मेश हापलिया को इस घोटाले का मास्टर माइंड माना जा रहा है। पंचायत के वर्तमान पटवारी भावेश उदेशी से जब इस नीलामी के बारे में पूछा गया तो उसने साफ इनकार कर दिया।