
गुरुग्राम। जीवनदायिनी अरावली की सीने पर अवैध रूप से बनाए गए 90 फार्म हाउसों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी वन विभाग ने पूरी कर ली है। बुलडोजर चलाने से पहले सभी को नियमानुसार नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जवाब देने के लिए सभी को 15 दिन का समय दिया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया गया है ताकि 15 दिन का समय पूरा होता ही बुलडोजर चलाने की कार्रवाई शुरू हो सके। फरीदाबाद में भी विभाग ने पहले नोटिस जारी किया था। इसके बाद 89 फार्म हाउस ध्वस्त कर दिए गए। गुरुग्राम में फार्म हाउसों को ध्वस्त करने के साथ ही वन भूमि से जाने वाले सभी रास्तों को भी काटा जाएगा ताकि आगे से अवैध निर्माण न हो सके। सात मई 1992 को केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक गैर मुमकिन पहाड़ में किसी भी प्रकार के निर्माण यानी गैर वानिकी कार्य करने से पहले अनुमति लेने का प्रविधान है। इस प्रविधान की अनदेखी कर अरावली पहाड़ी क्षेत्र में सैकड़ों निर्माण कर दिए गए।
इनमें फार्म हाउस, स्कूल, धर्मशाला, गोशाला से लेकर अन्य कई प्रकार के निर्माण शामिल हैं। इनमें से फार्म हाउसों के ऊपर सबसे पहले बुलडोजर चलाने का निर्णय वन विभाग ने लिया है। इसके लिए फिलहाल 90 फार्म हाउसों को नोटिस जारी किए गए हैं।
अधिकतर फार्म हाउस ग्वालपहाड़ी एवं रायसीना इलाके में हैं। सूत्र बताते हैं कि फरीदाबाद इलाके के फार्म हाउसों पर बुलडोजर चलाए जाने से गुरुग्राम इलाके के फार्म हाउस संचालकों में हडक़ंप मचा हुआ है।
सभी को लगने लगा है कि अब उनके फार्म हाउस नहीं बचेंगे। बता दें कि भारी विरोध के बाद भी फरीदाबाद में वन विभाग ने 89 फार्म हाउसों को ध्वस्त कर दिया। इससे साफ संदेश है कि जो भी फार्म हाउस अवैध रूप से बनाए गए हैं, वे आज नहीं तो कल ध्वस्त होंगे ही।फार्म हाउसों पर बुलडोजर चलाने से पहले वन विभाग द्वारा इलाके में मुनादी कराई जा चुकी है। इसके माध्यम से सूचित किया गया है कि फार्म हाउसों में जो भी सामान हैं, उसे निकाल लें। तोडफ़ोड़ अभियान के दौरान कोई सुनवाई नहीं होगी यानी सामान निकालने का भी मौका नहीं दिया जाएगा।
अभियान के दौरान यदि कोई दावा करेगा कि उसका फार्म हाउस सात मई 1992 से पहले बना है तो उसे बिजली बिल या कोई अन्य साक्ष्य दिखाना होगा। अभियान के दौरान किसी भी स्तर पर चूक न हो, इसके लिए वन विभाग अधिसूचना जारी किए जाने से पहले की सैटेलाइट इमेज देखेगा।