अकलतरा। अकलतरा जांजगीर-चांपा जिले की ग्राम पंचायत कोटगढ़ में आयोजित ग्राम सभा में बाल विवाह निषेध प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। यह निर्णय जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत लिया गया है और इसे ग्राम को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ग्राम सभा की अध्यक्षता सरपंच छोटेलाल रामचरण कंवर ने की। बैठक में वार्ड पंच, पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षाकर्मी, युवोदय स्वयंसेवक, ग्रामीण और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। सर्वसम्मति से तय किया गया कि यदि गांव में किसी लडक़े या लडक़ी की उम्र तय मानकों से कम है और उसका विवाह कराया जाता है, तो ग्राम पंचायत स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगी। साथ ही प्रत्येक वार्ड पंच अपने क्षेत्र की निगरानी करेगा ताकि कोई बाल विवाह छुपकर न हो सके।बैठक में सभी उपस्थित लोगों ने बाल विवाह न करने और न होने देने की शपथ ली।
यह निर्णय कलेक्टर जन्मेजय महोबे के निर्देशन में संचालित बाल विवाह मुक्त जांजगीर अभियान के तहत लिया गया है। इस अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग, यूनिसेफ और युवोदय हसदेव के हीरो कार्यक्रम का सहयोग लिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर लोग भी इस दिशा में जागरूक हो रहे हैं। ग्राम पंचायत कोटगढ़ के पंचायत भवन में बाल विवाह नहीं करवाने की शपथ लेते गांव के सरपंच एवं पंच। दूसरों के लिए उदाहरण बना गांव कोटगढ़ का यह प्रस्ताव बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण बन चुका है।
प्रशासन ने सरपंच और ग्रामीणों के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यदि सभी ग्राम पंचायतें इसी तरह सक्रिय भागीदारी निभाएं, तो जांजगीर-चांपा जिला जल्द ही छत्तीसगढ़ का पहला बाल विवाह मुक्त जिला बन सकता है। युवोदय स्वयं सेवक गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद भी कर रहे अभियान के तहत बाल विवाह के दुष्परिणामों को लेकर जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विद्यालयों में किशोर-किशोरियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ की जानकारी दी जा रही है। अनुविभागीय अधिकारी विक्रांत आँचल के मार्गदर्शन में युवोदय स्वयंसेवक गांव-गांव जाकर समुदाय से संवाद कर रहे हैं।