
छत्तीसगढ़ में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति के नियमों में बदलाव किया गया है, जिससे उनकी पदोन्नति की राहें लगभग बंद हो गई हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर दी है, जिसमें चतुर्थ श्रेणी से तृतीय श्रेणी के पद पर पदोन्नति के लिए कंप्यूटर डिग्री की अनिवार्यता जोड़ दी गई है।
*नियमों में बदलाव के प्रभाव:*
– चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को अब तृतीय श्रेणी में पदोन्नति के लिए मान्यता प्राप्त संस्था से कंप्यूटर डिग्री प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
– इससे प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी भृत्य पद पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित होना पड़ सकता है।
कर्मचारी नेता का बयान
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने बताया है कि पूर्व में संगठन में अत्यंत संघर्ष कर प्रदेश के विभिन्न कार्यालय में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को विभाग में स्वीकृत तृतीय श्रेणी के पदों में से 10% पदों पर हायर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण होने व 5 साल की सेवा पूर्ण होने पर तृतीय श्रेणी में पदोन्नति प्रदान करने का आदेश जारी किया था।
श्री झा ने बताया है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लंबे संघर्ष आंदोलन के बाद इसका प्रतिशत बढ़ाकर 25% किया गया था। वर्तमान में विभागों में स्वीकृत तृतीय श्रेणी के लिपिकीय पदों पर चतुर्थ श्रेणी के ऐसे भृत्य को जो 5 वर्ष की सेवाएं पूर्ण कर चुके हैं, हायर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण कर लिए हैं उन्हें सकारात्मक गोपनीय चरित्रावली के आधार पर विभागीय पदोन्नति समिति, लिपिक के पद पर पदोन्नत करती रही है।
पुराने निर्देशों में मुद्र लेखन परीक्षा उत्तीर्ण होने या कंप्यूटर पास होने संबंधी शर्त नहीं थी। श्री झा ने कहा है अब सामान्य प्रशासन विभाग ने 20 जून 25 को निर्देश जारी कर चतुर्थ श्रेणी से तृतीय श्रेणी के पद पर 25% स्वीकृत पद पर तृतीय श्रेणी लिपिकीय संवर्ग में पदोन्नति के लिए मान्यता प्राप्त संस्था से कंप्यूटर डिग्री प्राप्त करने का शर्त जोड़कर प्रदेश के हजारों चतुर्थ श्रेणी भृत्य पद पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित कर दिया है।
श्री झा ने बताया है कि इस राजपत्र में अन्य उच्च पदों पर भी निर्धारित योग्यता में वृद्धि कर डिप्लोमा ग्रेजुएट पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री विश्वविद्यालय से साइंस व कंप्यूटर साइंस में बढ़ा दिया है, जिससे बेरोजगारी और बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री से मांग , आंदोलन की चेतावनी
श्री झा ने कहा कि मोदी की गारंटी में बेरोजगारी दूर करने की गैरंटी चुनाव में दी थी उसका अनुसरण करते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि तत्काल इस राजपत्र की अधिसूचना को वापस लिया जाए तथा उनके कार्य अनुभव के आधार पर पूर्व की भांति यथावत पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जाए। अन्यथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संध प्रदेश अध्यक्ष बिन्देसरी राम रौं नेतृत्व में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
