नईदिल्ली, २४ जुलाई ।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान चुनाव आयोग अब तक गणना फॉर्म न जमा करने वाले जहां एक-एक मतदाताओं की तलाश में जुटा है, वहीं उसे मौजूदा मतदाता सूची में शामिल एक लाख मतदाताओं को लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। इस बीच आयोग ने पिछले 24 घंटे में मतदाता सूची में शामिल 1.34 लाख और मृत मतदाताओं को खोज निकालने का दावा किया है। ऐसे में अब तक आयोग ने मतदाता सूची में शामिल 20 लाख मृत मतदाताओं को खोज निकालने का दावा किया है। चुनाव आयोग ने बुधवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के पहले चरण के आंकड़ों को जारी करते हुए बताया है कि अब तक अभियान के तहत 98.01 प्रतिशत मतदाता कवर किए जा चुके हैं। आयोग ने इसके साथ ही पिछले 24 घंटे में स्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके दो लाख और मतदाताओं को खोज निकाला है। आयोग ने मंगलवार को पुनरीक्षण को लेकर दी गई जानकारी में बताया था कि अब तक 18.66 लाख मृत हो चुके मतदाताओं को खोजा गया है। जबकि स्थाई रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की संख्या 26 लाख बताई थी। इसके साथ ही सिर्फ 11 हजार मतदाताओं का पता न चलने की जानकारी साझा की थी, जो संख्या 24 घंटे बाद बढक़र एक लाख पहुंच गई है।इससे साफ है कि आयोग ने पुनरीक्षण अभियान के पहले चरण के बचे अंतिम दिनों में अब तक नहीं मिल रहे मतदाताओं को लेकर खोजबीन और तेज कर दी है। आयोग के मुताबिक अब तक 15 लाख मतदाताओं के गणना फॉर्म नहीं मिले हैं।
यह स्थिति तब है, जब अभियान के तहत गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 25 जुलाई है। आयोग के मुताबिक, इसके बाद एक अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसमें यदि कोई त्रुटि किसी को दिखती है तो कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल किसी भी प्रस्तावित मतदाता के नाम पर अपनी आपत्ति एक सितंबर तक उस विधानसभा क्षेत्र के मतदाता पंजीयक अधिकारी (ईआरओ) या उप मतदाता पंजीयक अधिकारी (एईआरओ) के पास दर्ज करा सकते हैं। इस तरह यदि कोई योग्य व्यक्ति भी मतदाता सूची में अपना नाम नहीं पाता है तो वह अपना दावा एक सितंबर तक दर्ज करा सकता है। इसके बाद अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित कर दी जाएगी।