पेरिस, २६ जुलाई।
फ्रांस फलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा। लेकिन फ्रांस की योजना से अमेरिका और इजरायल भडक़ उठे हैं। इजरायल ने इसे आतंकवाद को मान्यता देने और उसके समक्ष समर्पण करने वाला कदम बताया है। जबकि अमेरिका ने कहा है कि फ्रांस की घोषणा सात अक्टूबर, 2023 की घटना के पीडि़तों के मुंह पर तमाचा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सितंबर में होने वाली संयुक्त राष्ट्र आमसभा की बैठक में फलस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की है। भारत समेत 140 देश फलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में पहले ही मान्यता दे चुके हैं। भारत ने 1988 में मान्यता दी थी। राष्ट्रपति मैक्रों ने उम्मीद जताई है कि फलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने से पश्चिम एशिया में शांति की संभावना पैदा होगी। मैक्रों ने यह घोषणा एक्स पर की है। मीडिया प्लेटफार्म पर उन्होंने इस आशय का वह पत्र भी साझा किया जो फलस्तीनी प्राधिकार के राष्ट्रपति महमूद अब्बास को भेजा है।मैक्रों ने यह घोषणा कर ब्रिटेन सहित अन्य यूरोपीय देशों पर फलस्तीन को मान्यता देने के लिए दबाव बना दिया है। मैक्रों ने कहा है कि वह जल्द ही इस संबंध में ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं से बात करेंगे। जबकि ब्रिटेन ने कहा है कि भविष्य में वह भी स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र की मांग का समर्थन करते हुए उसे मान्यता दे सकता है लेकिन अभी जरूरत गाजा में युद्धविराम की है। उसके लिए मिलकर प्रयास किए जाने चाहिए। विदित हो कि फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी समेत 25 देशों ने इसी सप्ताह गाजा में राहत सामग्री की आपूर्ति से रोक हटाने और वहां पर स्थायी युद्धविराम लागू करने की मांग की थी जिसे इजरायल ने खारिज कर दिया था। यूरोप में यहूदियों और मुस्लिमों की सबसे ज्यादा आबादी वाला फ्रांस पहला प्रमुख पश्चिमी देश है जिसने फलस्तीन को मान्यता देने के संबंध में घोषणा की है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सबसे नजदीकी मित्र देशों में शामिल और जी 7 के सदस्य देश फ्रांस के निर्णय की निंदा की है। कहा, यह आतंकवाद को पुरस्कृत करने जैसा और ईरान के छद्म युद्ध को बढ़ावा देने वाला होगा। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र केवल इजरायल को अस्थिर करने के लिए बनेगा, मुस्लिमों के शांति से रहने के लिए नहीं बनेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि फलस्तीनी उस स्थान पर अपना देश चाहते हैं जहां पर इजरायल है। जबकि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र आमसभा में फलस्तीनी स्वतंत्र राष्ट्र के समर्थन के आह्वान की योजना को अमेरिका मजबूती से अस्वीकार करता है। इससे हमास के दुष्प्रचार को समर्थन मिलेगा और शांति के प्रयास को धक्का लगेगा।