
जांजगीर-चांपा। जिले में पीएम आवास में हर रोज नया-नया खुलासा हो रहा है। अब नया मामला सामने आया है, जिसमें खोखसा गांव में कागजों में पीएम आवास बना दिया गया। धरातल में हितग्राही अभी टूटी हुई झोपड़ी में रहने मजबूर है। इधर पीएम आवास का पैसा दूसरे के खाते में ट्रांसफर भी हो गया। हितग्राही अब कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। जिले में प्रधानमंत्री आवास मामला में रोजगार सहायक, सचिव और वास मित्र का एक से बढक़र एक आवास कारनामा सामने हर रोज आ रहा है। ताजा मामला समीपस्थ गांव खोखसा ग्राम पंचायत के आश्रित गांव का है। खोखसा ग्राम पंचायत का आश्रित गांव खैरा में इतवारी दास का शासकीय रिकार्ड में प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए तीन किस्त जारी हो गया है। इतवारी दास का मकान अभी भी कच्चा व झोपड़ीयुक्त है।
जहां अधिकारी-कर्मचारियो ने मिलीभगत कर जिस हितग्राही के नाम से पीएम आवास स्वीकृत हुआ है। उसके खाते में राशि डालने के बजाए उसी के नाम के दूसरे व्यक्ति के खाता में राशि डाल दी गई। पात्र हितग्राही अपने पक्का मकान बनाने के लिए स्वीकृत राशि को पाने के लिए जिला पंचायत कार्यालय का चक्कर काट रहा है। विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद अब हितग्राही ने कलेक्टर से मामले की शिकायत कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पंच अभिषेक राठौर ने बताया कि पंचायत ने भी भ्रष्टाचार का पराकाष्ठा पार किया गया है। इतवारी दास के नाम पीएम आवास में पिछले सरपंच के कार्यकाल का है। जिसमे पात्र हितग्राही का पक्का मकान निर्माण हुआ ही नहीं और जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी एक साल में 1 लाख 30 हजार रुपए को तीन किस्तों में दूसरे खाता में डालकर गबन कर लिया गया। इधर जरूरतमंद पक्का मकाने का सपना देख रहा है।
ज्ञात हो कि सालभर पहले पीएम आवास के लिए ईतवारी का नाम चयन किया गया। लेकिन उसका पैसा खोखसा गांव के इतवारी नाम के दूसरे व्यक्ति के खाता में भेज दिया गया। पहला किस्त जारी होने के बाद अब तक उत्सी इतवारी दास के नाम पर निर्माणाधीन आवास का तीन बार जिओ टेंगिग भी कर दिया गया। 12 सितम्बर 2024 को 40 हजार, 1 जून 2025 को दूसरा किस्त और 2 जुलाई 2025 को तीसरा किस्त भी जारी कर दी गई। पैत्ता भी निकाल भी लिया गया। अपने नाम से स्वीकृत आवात्त की जानकारी लेने जब वास्तविक हितग्राही जनपद पंचायत नवागढ़ में पूछताछ करने पहुंचा। तब इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ।