जांजगीर-चांपा। राज्य सरकार ने पांच डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। अवैध लागू किया गया है। क्योंकि छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री होने की छूट में अफसर अवैध प्लाटिंग पर रोक लगा पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे थे।अवैध प्लॉटिंग की आई बाढ़, रोकने में अफसर रहे नाकाम छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री होने से जिला मुख्यालय जांजगीर समेत जिलेभर में अवैध प्लाटिंग की बाढ़ आ गई है। को किसानों से खरीदकर छोटे-छोटे हिस्से कर बेच रहे हैं। स्थिति यह हो गई है कि एक ही जमीन बलाल कृषि भूमि को। खतरे को भूमि का 20 से 25 टुकडे तक कर दिए गए हैं और बकायदा अलग-अलग लोगों को बेची जा रही थी और रजिस्ट्री हो रही थी। पंजीयक विभाग में आंख मूंदकर रजिस्ट्री हो रही थी। इधर जिला प्रशासन अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने कार्रवाई करने आदेश जारी करने तक ही सिमट गया था। सालों से अवैध प्लाटिंग के नाम पर एक भी कार्रवाई जिले में नहीं हुई है।
पहले से रजिस्ट्री हो रही थी। इससे अवैध प्लाटिंग को बढ़ावा मिल रहा था। ऐसे में आखिरकार राज्य सरकार को छोटे की सीरी लगानी पड़ी है। इस संबंधा में सभी जिला पंजीयकों और उप पंजीयकों को आदेश जारी कर दिया गया है। जिले में 20 जुलाई से यह आदेश लागू हो गया है और 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि कि बीजेपी सरकार में पांच डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाई थी। जिसे पूर्व कांग्रेस सरकार के द्वारा हटा दिया गया था। इससे पांच डिसमिसे बीजेपी सरकार ने इसे लागू कर दिया है। विधानसभा के मानसून सत्र में भू राजस्व संहिता विधेयक 2025 के तहत यह प्रावधान राज्य में लागू किया गया है। नए विधेयक के मुताबिक किसी भी स्थिति में कृषि भूमि का ऐसा उपखंड नहीं बनाया जाएगा जिसका क्षेत्रफल 0.05 एकड़ से कम हो।