कोरिया बैकुंठपुर। मानव तस्कर विरोधी दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रचार प्रसार एवं विकास संस्थान की पहल पर मनेंद्रगढ़ जिले में हुए एक कार्यक्रम में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के क्षेत्र से जुड़े सभी प्रमुख हितधारकों की सहभागिता रही। इस कार्यक्रम सभी ने सफल बनाया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों की तस्करी से निपटने हेतु साझा प्रयासों पर चर्चा करना रहा। छत्तीसगढ़ प्रचार प्रसार एवं विकास संस्थान, देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्टिस एंड राइट्स फोर चिल्ड्रन की साझेदारी संगठन है और छत्तीसगढ़ प्रचार प्रसार एवं विकास संस्थान बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहा है। ये ज़रूरी है कि अब बच्चे, जो तस्करी, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के शिकार हैं, उनकी सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य किए जाएं।
बच्चों की तस्करी से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने सामूहिक रूप से यह माना कि बच्चों के कानूनी हकों की जागरूकता बढ़ाना, संवेदनशील बालकों की ट्रैकिंग रिपोर्टिंग और उनके कमज़ोरियों के तरीकों के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी पक्षधारों के बीच समन्वय को मज़बूत करना अत्यंत ज़रूरी है, ताकि एक प्रकार का सुरक्षा जाल बच्चों के लिए बना सके और समयसीमा में न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।
छत्तीसगढ़ प्रचार प्रसार एवं विकास संस्थान ने पिछले वर्षों के दौरान 65 बच्चों को बाल श्रम, तस्करी और बाल विवाह से बचाया है। संगठन ने उन्हें रेस्क्यू कर पुनर्वास सेवाएं मुहैया कराई हैं और यह प्रक्रिया संबंधित विभागों के साथ मिलकर की जाती रही है। बहुत से बच्चों, खास तौर से लड़कियों को बहलाकर या बहकाकर ले जाया जाता है और तस्करी की जाती है। यह एक ऐसी समस्या है जिसे समय में रोक न दी जाए तो बच्चों के शोषण के उपाय और भी बढ़ जाते हैं।
बताते चलें कि जुलाई महीने में छत्तीसगढ़ प्रचार प्रसार एवं विकास संस्थान ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ ज़िला स्तर पर बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए रेलवे स्टेशनों पर अभियान चलाया। इस तस्करी निरोधक अभियान में बाल संरक्षण समिति, जिला प्रशासन, चाइल्ड लाइन, रेलवे पुलिस, एएचटीयू, आरपीएफ और अन्य विभागों के अधिकारियों, किशोरों, समुदाय प्रतिनिधियों, बच्चों और पंचायत प्रतिनिधियों की सहभागिता रही। अभियान के दौरान संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी गई और कई ज़िलों से बच्चों के रेस्क्यू की रिपोर्ट भी साझा की गई थी।
बच्चों की सुरक्षा के लिए ज़मीनी स्तर पर निरंतर और प्रभावी काम करने वाले संगठन का महत्व और जिला प्रशासन के साथ हम उनमे सहयोग का भाव पैदा कर पाएंगे और यह भाव तस्करी को रोकथाम के लिए सबसे असरदार उपाय साबित होगा। रोकथाम अभियान की सफलता के लिए जिले में मज़बूत प्रशासनिक समन्वय और समबद्ध कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। इस तरह से काम कर हम न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा बल्कि उन तस्करी गिरोहों के नेटवर्क का भी ख़ात्मा कर सकेंगे जो बच्चों का शिकार करते हैं।
इस कार्यक्रम में रेलवे विभाग से सीएसएम निर्मल सर एवं रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स से बीके चौधरी सर की गरिमामयी उपस्थिति रही। दोनों ही अधिकारियों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर अपने विचार साझा किए एवं रेल यात्राओं के दौरान बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।