कोरबा। जिले के कटघोरा वनमंडल का जंगल इन दिनों गजराजों की चिंघाड़ से गुंजायमान हो रहा है। जिससे ग्रामीणों में काफी दहशत है। यहां स्थित 7 रेंजों में से केंदई, पाली व चैतमा को छोडक़र कटघोरा, एतमानगर, जटगा एवं पसान रेंज में 80 के लगभग गजराज विचरण कर रहे हैं। जिनमें सर्वाधित 63 गजराजों की सक्रियता एतमानगर रेंज के बांधापारा (40) व पाथा 23 परिसर में हैं। गजराजों का दल दिन भर जंगल में रहने के बाद शाम को वे जंगल से निकलते हैं और आसपास स्थित गांवों में पहुंचकर खेतों में लगे धान की फसल को लगातार चौपट कर रहे हैं। हाथियों का उत्पात पूरे रात भर चलता है और सुबह होने से पहले फिर जंगल में जाकर डेरा डाल देते हैं। जहां एतमानगर क्षेत्र में मौजूद हाथियों के उत्पात से ग्रामीण परेशान हैं वहीं जटगा रेंज में 8, पसान में 2 व कटघोरा रेंज में 6 हाथी उत्पात मचाकर ग्रामीणों तथा वन विभाग की नाकों में दम कर रखे हैं। बताया जाता है कि जटगा में मौजूद 8 हाथ काफी दिनों से क्षेत्र में हैं लेकिन राहत की बात यह है कि लगभग एक माह से क्षेत्र में विचरण करने के बाद हाथियों ने कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है। पसान रेंज में मौजूद दो दंतैल ने आते ही रेंज के कोटमर्रा तथा तराईनार नामक गांव में कहर ढाते हुए जहां दो ग्रामीणों के घर को ढहा दिया, वहीं बड़ी मात्रा में धान की फसल को भी चौपट कर दिया था। कल क्षेत्र में सक्रिय दंतैलों में से एक दंतैल तनेरा गांव में पहुंचकर एक ग्रामीण के गोठान में बंधे मवेशियों पर हमला कर एक मवेशी को मार डाला था जबकि एक अन्य को घायल कर दिया था।
इस बच कटघोरा ब्लॉक एवं रेंज अंतर्गत छुरीकला नगर के समीप पिकनिक स्पॉट ग्राम झोरा सिरकी में तीन दिनों से जंगली हाथी डेरा डाले हुए हैं। हाथियों के द्वारा खेतों में लगे फसल को चौपट किये जाने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। वन मंडल कटघोरा अंतर्गत पिकनिक स्पाँट झोरा के समीप ग्राम सिरकी में धान के खेतों मे पहुंच कर उत्पात मचा रहे हैं। जंगली हाथी के ग्राम में घुसने को लेकर ग्रामीणों मे भय बना हुआ है , बताया जाता है बांगो के जंगल में विचरण करते हुए ग्राम पाथा, हथमार होते सिरकी जंगल पहुंचा है। ग्रामीणों का कहना है कि पांच से छह हाथियों का दल जंगल में देखा गया है। वे रात में गांव के आसपास पहुंच कर फसल को चौपट कर रहे हैं। किसानों की मेहनत, लागत सभी चौपट होने से रोजी-रोटी पर संकट मंडराता दिखाई दे रहा है। ग्रामवासी रात भर रतजगा कर हाथी को भगाने के उपाय जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि हाथियों के द्वारा किये गये फसल की नुकसानी की भरपाई की जाये।