कोरबा। एसईसीएल कर्मी को बिजली चोरी कर मकान को रोशन करना महंगा पड़ गया। उसके खिलाफ विद्युत वितरण विभाग की सतर्कता टीम ने कार्रवाई कर दी। मामले की सुनवाई तीन साल तक विशेष न्यायालय में चलती रही। कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 5 लाख 88 हजार रूपए अर्थदंड से दंडित किया है। यदि नियत तिथि में अर्थदंड अदा नही किया जाता है, तो वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है। विद्युत वितरण विभाग की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता राजेश कुमार कुर्रे ने बताया कि मामला वर्ष 2022 में सामने आया था। विद्युत वितरण विभाग की सतर्कता टीम द्वारा समय समय पर बिजली कनेक्शन की जांच पड़ताल की जाती है। इसी कड़ी में टीम ने एसईसीएल कर्मी बेलटिकरी बसाहट दीपका निवासी संतोष राठौर के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। उसके द्वारा मकान निर्माण के दौरान भी अवैध बिजली का उपयोग किया जा रहा था। मामले में उसने करीब साढ़े चार लाख रूपए पेनाल्टी जमा किए थे। वह मकान निर्माण के बाद भी सीधे विद्युत पोल से बिजली का उपयोग कर रहा था। मामले में सतर्कता विभाग की टीम ने कार्रवाई की थी। जिसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश के न्यायालय में चल रही थी। सुनवाई के दौरान दोषसिद्ध होने पर 5 लाख 88 हजार रूपए अर्थदंड से दंडित किया गया है। यह अर्थदंड निर्धारित अवधि में अदा करना होगा। यदि अर्थदंड अदा नही किया जाता है, तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।