नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर-समावेशी पाठ्यपुस्तक संबंधी याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार, एनसीईआरटी और पंजाब समेत छह राज्यों से जवाब मांगा। इस जनहित याचिका में स्कूली पाठ्यक्रम में ट्रांसजेंडर-समावेशी व्यापक यौन शिक्षा (सीएसई) को शामिल करने का अनुरोध किया गया है।

प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन की दलीलों पर गौर किया और प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर आठ हफ्तों के भीतर जवाब मांगा।

इन राज्यों को बनाया पक्षकार

केंद्र और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के अलावा, याचिकाकर्ता काव्या मुखर्जी साहा ने याचिका में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, तमिलनाडु और कर्नाटक को पक्षकार बनाया। बारहवीं कक्षा की छात्रा साहा द्वारा दायर जनहित याचिका में एनसीईआरटी और राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार स्कूली पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में ट्रांसजेंडर-समावेशी सीएसई को शामिल करने का आग्रह किया गया है।