नईदिल्ली, १५ अक्टूबर ।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नाल्सा) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि डीएमआरसी के निर्माण कार्य के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेघर लोगों को प्रस्तावित स्थलों पर स्थानांतरित करने की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि इन जगहों पर पहले से ही अधिकतम लोग रह रहे हैं।29 अगस्त को नाल्सा को निर्देश जारी कर उससे डीएमआरसी के काम के कारण बेघर लोगों के लिए आश्रय गृहों के स्थानांतरण का निरीक्षण करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। इसके बाद यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई। रिपोर्ट में सराय काले खां और आनंद विहार स्थित आठ आश्रय गृहों में रहने वाले लोगों के लिए प्रस्तावित स्थलों पर पर्याप्त संख्या में लोगों के रहने की व्यवस्था पर नाल्सा ने अपनी टिप्पणी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है, सबसे पहले तो किसी भी वैकल्पिक स्थल पर स्थानांतरण की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज अधिकतम संख्या नाल्सा टीम के दौरे के दौरान पाई गई संख्या से ज्यादा है। इसलिए, किसी भी दिन अगर आश्रय गृह अपनी अधिकतम क्षमता तक पहुंच जाते हैं तो वहां बिस्तरों की कोई जगह उपलब्ध नहीं होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानांतरण में लोगों के रोजगार के अवसरों और उनकी शिक्षा को ध्यान में रखा जा सकता है क्योंकि कुछ वयस्क अपने मौजूदा आश्रय गृहों के पास काम करते हैं और कुछ बच्चे पास के स्कूलों में जाते हैं।नाल्सा ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि कुछ लोगों ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआइबी) द्वारा प्रस्तावित स्थलों पर स्थानांतरित होने में अनिच्छा व्यक्त की है।रिपोर्ट में कहा गया है, जब इन आश्रय गृहों का दौरा किया गया तो पाया गया कि वहां रहने वाले परिवारों की संख्या दो से छह के बीच थी, जिनमें बच्चे भी शामिल थे।
किसी भी प्रस्तावित स्थल पर स्थानांतरण के लिए यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था आवश्यक होगी कि परिवार के सदस्य एक ही आश्रय कक्ष में एक साथ रहें। नाल्सा टीम ने राष्ट्रीय राजधानी में कई आश्रय गृहों का दौरा किया, जिन्हें मेट्रो निर्माण कार्य के कारण स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्तावित पुनर्वास स्थलों के दौरे के दौरान यह पाया गया कि निजामुद्दीन बस्ती, फूल मंडी, चाबी गंज और गंदा नाला में अधिकांश सुविधाएं बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा तो करती हैं, मगर वहां कुछ कमियों भी नजर आईं।