कोरबा । कोरबा शहर के प्रवेश मार्गो गौमाता चौक, ईमलीछापर चौक, कटघोरा रोड की बदहाली तथा शहर के भीतर सडक़ों की दुर्दशा में सुधार नहीं होने पर जिला प्रशासन और नगर प्रशासन के खिलाफ 16 अक्टूबर को विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। एक सप्ताह पूर्व जिला कलेक्टर एवं निगम आयुक्त को पत्र देकर सडक़ों की दुर्दशा को सुधारने का निवेदन किया गया था। एक सप्ताह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी सडक़ों का मरम्मत नहीं किया गया।
आम जनता की ओर से दिए गए आवेदन पत्र पर प्रशासन ने कोई सकारात्मक पहल भी नहीं की, इसके विरोध में कोरबा की आम जनता और संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। कोरबा के जागरूक नेताओं और संगठनों के साथ मिलकर 16 अक्टूबर को ट्रांसपोर्ट नगर चौक में विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिला प्रशासन एवं नगर प्रशासन के खोखले दावे को सामने लाने के लिए और उनकी आंखें खोलने के लिए 24 अक्टूबर से गड्ढा नामकरण अभियान भी चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत शहर भर के जितने भी जर्जर सडक़ एवं गड्ढे हैं वहां जाकर दोषी अधिकारियों के सदबुद्धि के लिए पूजन कर नामकरण किया जाएगा।
सडक़ों की दुर्दशा पर प्रशासन के विभाग पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, एसईसीएल, एक दूसरे को जिम्मेदार बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। इसलिए आम नागरिकों के साथ मिलकर गड्ढा नामकरण अभियान चलाया जाएगा, जिसका उद्देश्य जर्जर सडक़ों के लिए दोषी लोगों की पहचान करना है जिनके आंख मूंदकर सोने के कारण कोरबा की जनता सडक़ों को दुर्दशा से प्रताडि़त हो रही है। सत्ता पक्ष के अधिकांश पार्षद अधिकारियों के मनमर्जी और उपेक्षा से दुखी हैं, लेकिन संगठन के दबाव में खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।
नगर निगम सभापति नूतनसिंह ठाकुर ने कहा है कि नागरिकों के मूलभूत सुविधा सडक, बिजली, पानी के लिए जनता लगातार परेशान हैं। जब निर्वाचित पार्षद अधिकारियों को समस्या बता रहे हैं तो उनकी उपेक्षा हो रही है। अधिकारी कागजी खानापूर्ति कर सरकार को गुमराह कर रहे हैं। त्यौहारी सीजन में आम आदमी सडक़ों की दुर्दशा से हलाकान हो रहा है। सडक़ों के धूल, गड्ढे के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। आम जनता सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पीड़ा बता रही है लेकिन जिला प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। अब सरकार को नींद से जगाने के लिए आंदोलन करना जरूरी हो गया है। धरना प्रदर्शन और गड्ढा नामकरण अभियान के बाद भी सडक़ों की बदहाली दूर नहीं हुआ तो चक्काजाम और अनशन किया जाएगा।