नईदिल्ली, १५ अक्टूबर ।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और पाकिस्तान के बीच 1.2 अरब डॉलर को लेकर समझौता हो गया है। बुधवार को यह समझौता स्टाफ-लेवल’ पर हुआ है। आईएमएफ के अधिकारी और पाकिस्तान सरकार आपस में इस कर्ज को लेकर सहमत हो गए हैं। हालांकि, अभी आईएमएफ की बोर्ड मीटिंग में इसको आखिरी मंजूरी मिलनी बाकी है। मंजूरी मिलने के बाद आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को पैसा मिल जाएगा। दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष अपने विस्तारित निधि सुविधा के तहत पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर और अपने लचीलापन और स्थिरता सुविधा के तहत 20 करोड़ डॉलर फंड के बोर्ड से अनुमोदन के बाद प्रदान करेगा। बुधवार तडक़े जारी एक बयान में, पेट्रोवा ने कहा कि कर्मचारी-स्तरीय समझौता आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी के अधीन है। ईएफएफ के समर्थन से, पाकिस्तान का आर्थिक कार्यक्रम व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत कर रहा है और बाजार में विश्वास का पुनर्निर्माण कर रहा है। पेट्रोवा ने कहा कि पुनर्प्राप्ति पटरी पर है, वित्त वर्ष 2025 के चालू खाते में अधिशेष दर्ज किया गया है – 14 वर्षों में पहली बार, राजकोषीय प्राथमिक संतुलन कार्यक्रम के लक्ष्य को पार कर गया है, मुद्रास्फीति नियंत्रित बनी हुई है, बाहरी बफर्स मज़बूत हो रहे हैं और सॉवरेन स्प्रेड में उल्लेखनीय कमी आने से वित्तीय स्थिति में सुधार हो रहा है। हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में आई बाढ़ ने देश के, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र के, भविष्य के परिदृश्य को प्रभावित किया है, जिससे वित्त वर्ष 2026 का अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लगभग 3.25-3.5 प्रतिशत तक गिर गया है। आईएमएफ अधिकारी ने पाकिस्तान की नीतिगत प्राथमिकताओं में प्रगति का भी उल्लेख करते हुए कहा कि अधिकारियों ने ईएफएफ और आरएसएफ-समर्थित कार्यक्रमों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और चल रहे संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाते हुए सुदृढ़ एवं विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।