जनता ने कहा- जमीन हमारी तो उपद्रव क्यों?
कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के दीपिका क्षेत्र की कोयला खदान का विस्तार करने की कवायद इन दिनों जोर पकड़ चुकी है। प्रबंधन इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रहा है, वहीं प्रशासन का भी इसमें पूरा सहयोग देखने को मिल रहा है। बावजूद इसके, स्थानीय लोगों का विरोध लगातार तेज़ होता जा रहा है।बुधवार को हरदी बाजार क्षेत्र में एसईसीएल प्रबंधन द्वारा सर्वेक्षण की प्रक्रिया कराई गई। इस दौरान लोगों के विरोध की संभावना को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अमला तैनात किया गया था। सूत्रों के अनुसार, दीपिका-अकोला खदान के विस्तार के लिए लगभग 861 एकड़ जमीन पर कंपनी की नज़र है। लंबे समय से इस भूमि के अधिग्रहण की कोशिशें जारी हैं, लेकिन स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही थी। स्थानीय लोगों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जब तक स्थायी नौकरी, उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक किसी भी प्रकार का सर्वे स्वीकार्य नहीं होगा। बीते दिनों त्रिपक्षीय वार्ता की पेशकश पर ग्रामीणों ने असहमति जताते हुए उसका बहिष्कार कर दिया था। लोगों का कहना है कि एसईसीएल की अन्य परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण के बाद लोगों को भारी नुकसान हुआ है, इसलिए अब उन्हें प्रबंधन और प्रशासन के रवैये पर भरोसा नहीं रहा। इसी बीच, कटघोरा क्षेत्र के पूर्व विधायक बौद्धराम कंवर और पुरुषोत्तम कंवर ने भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के समर्थन में प्रशासनिक अधिकारियों से तीखी चर्चा की और विरोध दर्ज कराया। जानकारी के अनुसार, बुधवार को पुलिस बल की मौजूदगी में सरकारी भवनों सहित कुछ हिस्सों का सर्वेक्षण किया गया। इस दौरान विरोध जताने पहुंचे ग्रामीणों को मौके से हटा दिया गया, जिससे स्थिति कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गई। ग्रामीणों ने कहा कि जमीन हमारी है, अधिकार हमारे हैं। कंपनी अपनी जरूरतों के लिए जिस तरह से शक्ति का दुरुपयोग कर रही है, उसका जवाब आने वाले समय में उसे देना पड़ेगा।
मेगा माइंस को दी जा रही प्राथमिकता
यहां बताना लाजिमी होगा कि साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने कोरबा जिले में खनिज संसाधन की उपलब्धता को लेकर उसका विदोहन करना तय किया है पिछले कुछ वर्षों से इस प्रक्रिया को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है इसके अंतर्गत दीपिका एरिया की खदानों को उसने मेगा माइंस में शामिल किया है यही कारण है कि इसकी हर मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन और संसाधन दिए जा रहे हैं कोयला कंपनी ने मामले को हल करने के लिए राज्य सरकार के साथ समन्वय पर जोर दिया है