
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने चुनाव में धनबल, शराब, नशे और मुफ्त उपहारों (फ्रीबीज) के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। आयोग ने इस संबंध में सभी प्रवर्तन एजेंसियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सके। चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर को बिहार विधानसभा के आम चुनाव और 8 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की घोषणा की थी। अब आयोग ने चुनाव खर्च और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए विशेष निगरानी की व्यवस्था की है। चुनाव आयोग ने इस अभियान में कई एजेंसियों को शामिल किया है, जिनमें राज्य पुलिस विभाग, आबकारी विभाग, आयकर विभाग, एफआईयू-आईएनडी, आरबीआई, एसएलबीसी, डीआरआई, सीजीएसटी, एसजीएसटी, कस्टम्स, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, सीआईएसएफ, एसएसबी, बीसीएएस, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, डाक विभाग, वन विभाग और राज्य सहकारी विभाग शामिल हैं। इन सभी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि चुनाव के दौरान धन, शराब, ड्रग्स या अन्य प्रलोभनों के जरिए मतदाताओं को प्रभावित न किया जा सके। आयोग ने चुनाव खर्च पर नजर रखने के लिए व्यय पर्यवेक्षकों को पहले ही तैनात कर दिया है।
ये अधिकारी अधिसूचना जारी होते ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच गए हैं और वहां व्यय निगरानी से जुड़ी टीमों से मिलकर समन्वय कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि फ्लाइंग स्क्वॉड, सर्विलांस टीमें और वीडियो मॉनिटरिंग टीमें चौबीसों घंटे सक्रिय रहेंगी ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिशों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
आयोग ने बताया कि उसने इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस) नाम के ऑनलाइन सिस्टम को सक्रिय कर दिया है। इसके जरिए फ्लाइंग स्क्वॉड, सर्विलांस टीमें और अन्य एजेंसियां अपने द्वारा की गई जप्ती या जब्ती की कार्रवाई की रियल टाइम रिपोर्टिंग कर सकेंगी।