जांजगीर-चांपा। जिले के पामगढ़ ब्लॉक स्थित खोरसी गांव के गौठान में मवेशियों की मौत का सिलसिला जारी है। बिना किसी सरकारी या प्रशासनिक अनुमति के सैकड़ों मवेशियों को गौठान में रखा गया है, लेकिन चारा, पानी और देखरेख की उचित व्यवस्था न होने के कारण पशुओं की लगातार मौतें हो रही हैं। गत बुधवार को एक मवेशी की मौत हो गई। एक सप्ताह में करीब 6 से 7 मवेशियों की मौत हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार, शिवरीनारायण थाना क्षेत्र के खोरसी गांव में फसलों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों ने दो माह पहले गौठान को फिर से शुरू किया था। ग्रामीणों ने गौठान की देखरेख के लिए 13 हजार रुपए मासिक वेतन पर एक चरवाहा, गेंदी लाल यादव, को भी रखा है। चरवाहे ने बताया कि मवेशी बीमार हो जाते हैं, लेकिन इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो जाती है।
बताया जा रहा है कि गांव के कुछ लोगों ने गौठान की जमीन पर कब्जा कर साग-सब्जी की खेती शुरू कर दी है और सोलर पंप का उपयोग कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए, एडिशनल कलेक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने तत्काल एक जांच टीम गठित कर मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भाजपा सरकार ने गौठान योजना पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद खोरसी गांव में मवेशियों को बिना भोजन-पानी के गौठान में रखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे मवेशियों की मौतें हो रही हैं, और अभी तक उनकी देखभाल या उपचार की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है।
प्रशासन ने जांच के आदेश तो दिए हैं, लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि मवेशियों के भोजन, इलाज और गौठान संचालन की जिम्मेदारी तय की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।