जम्मू। राज्य दर्जे, छठी अनुसूची की मांग कर आंदोलन कर रहे लेह, कारगिल के संगठनों ने गृह मंत्रालय से लद्दाखियों में विश्वास बहाली के लिए गिरफ्तार किए गए पर्यावरणविद्ध वांगचुक व हिरासत में रखे गए अन्य लोगों को जल्द रिहा करने का मुद्दा उठाया है।
करीब पांच महीने बाद लद्दाख के मुद्दों को लेकर दिल्ली में हुई गृह मंत्रालय की सब कमेटी की बैठक 24 सितंबर के प्रदर्शनों के बाद लेह में उपजे हालात पर केंद्रित रही। इस बैठक में न तो कोई फैसला हुआ और न ही कोई आश्वासन ही दिया गया। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद की अध्यक्षता में लेह अपेक्स बाडी, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के नेताओं से हुई बैठक लद्दाख के मौजूदा हालात पर केंद्रित रही।
लद्दाख के संगठनों ने क्षेत्र में प्रशासन की कार्रवाई को लेकर अपना पक्ष रखा। इस दौरान यह जरूर तय किया गया कि लद्दाख के मुद्दों पर बातचीत करने को दस दिनों में फिर से दिल्ली में बैठक होगी।
दिल्ली में साढ़े ग्यारह बजे से दोपहर करीब साढ़े बारह बजे तक चली इस बैठक में लेह, कारगिल के संगठनों ने लद्दाख के मौजूदा हालात को तनावूपर्ण करार देते हुए लोगों को हिरासत में रखने पर एतराज जताया। उनका कहना था कि ऐसे युवाओं को हिरासत में लिया गया है जो सोनम वांगचुक के अनशन में मौजूद थे व उनका प्रदर्शन से कुछ लेना देना नही है।
उन्हें उनके भाषण पर हिरासत में लिया गया है। इस बैठक में लेह में प्रदर्शन के दौरान मारे गए 4 लोगों के परिवारों को उचित मुआवजा दिए जाने पर भी जोर दिया गया। बैठक में लद्दाख के संगठनों ने जोर दिया कि निकट भविष्य में होनी वाली बैठक के एजेंडे में राज्य दर्जे , छठी अनुसूची की मांग को भी शामिल कर इन पर बातचीत की जाए।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि लद्दाख में लोकसभा की एक सीट से दो सीट करने पर बातचीत संभव नही है। प्रदेश में वर्ष 2026 तक परिसीमन पर रोक है। अलबत्ता यह स्पष्ट किया गया कि लद्दाख के राज्य दर्जे, संवेधानिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। लद्दाख के मुद्दों पर बातचीत का दायरा तय करने के लिए अगले कुछ दिनों में फिर से बैठक हो सकती है। गृह मंत्रायल की सब कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने वाले लेह अपेक्स बाडी के सह अध्यक्ष छेरिंग दोरजे ने जागरण को बताया कि बैठक सकारात्मक माहौल में हुई। गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने हमारी बातों को गंभीरता से सुना। हमने लद्दाख के लोगों में विश्वास बहाली के लिए पकड़े गए लोगों को जल्द रिहा करने का मुद्दा उठाया है।