
जांजगीर-चांपा। शासकीय उचित मूल्य दुकानों की राशि जमा नहीं करने वाले संचालकों पर अब प्रशासन सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है। जिला प्रशासन के निर्देश पर ऐसे संचालकों के खिलाफ कुर्की और नीलामी की कार्रवाई शुरू किए जाने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, पीडीएस योजना के तहत संचालकों द्वारा उपभोक्ताओं से वसूली गई सरकारी राशि को समय पर शासन के खाते में जमा नहीं किया गया है। इस पर कलेक्टर के निर्देशानुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीओआर) सक्ती, डभरा और मालखरौदा क्षेत्र में संचालकों से बकाया राशि की वसूली की प्रक्रिया तेज करने जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन संचालकों ने अब तक राशि जमा नहीं की है, उनके खिलाफ अचल संपत्ति की कुर्की और सार्वजनिक नीलामी की घोषणा की जा सकती है। तहसीलदार न्यायालय से जारी होने वाले उद्घोषणा पत्र में यहभी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा कि यदि निर्धारित तिथि से पूर्व संपूर्ण बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो संबंधित संपत्ति को तहसील परिसर में सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा।
इतना ही नहीं, कई मामलों में बैंक प्रबंधकों को संबंधित संचालकों के खाते सीज करने के निर्देश भी जारी किए जाने की संभावना है। प्रशासन का मानना है कि यह कदम सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने
के लिए आवश्यक है। प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिए है कि सरकारी धन के दुरुपयोग या बकाया राशि जमा नहीं करने वालों पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी। जल्द ही जिलेभर में ऐसे संचालकों की सूची तैयार कर कुर्की और वसूली की कार्रवाई प्रारंभ की जा सकती है।


















