कोरबा। कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाए जाने वाले सूर्योपासना के सबसे बड़े पर्व छठ के लिए आज शाम आदित्य को प्रथम अघ्र्य दिया जाएगा। अकेले कोरबा शहरी क्षेत्र में 50 से अधिक घाट में व्यवस्था की गई है जबकि कटघोरा, रजगामार, दीपका और पाली में भी इस पर्व के उपासकों की संख्या को देखते हुए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। पुरातन परंपरा के साथ उत्सव प्रियता और संस्कृति के कई रंग इस पर्व को खास बनाएंगे।
कोरबा नगर और उपनगरीय क्षेत्रों में पूर्वांचल के साथ ही बीते कुछ वर्षों से इस परंपरा का हिस्सा बने विभिन्न राज्यों के डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोग छठ पर्व मनाने को लेकर उत्साहित हैं। दो दिन पहले नहाय-खाय के साथ इसकी शुरुआत हुई और पिछली रात खरना का प्रसाद वितरित किया गया। आज सुबह से ही बाजारों में छठ पूजा की सामाग्री खरीदी को लेकर जबरदस्त माहौल रहा और हर तरफ लोगों की भीड़भाड़ नजर आई। पूजन सामाग्री की कीमतें पहले से ही उछाल पर हैं। इसके पीछे अलग-अलग कारण है लेकिन लोगों को अपनी आस्था के आगे इन कीमतों से कोई समझौता नहीं करना है। आज शाम कोरबा के बालकोनगर मार्ग स्थित ढेंगुरनाला, बेलगरी नाला बालको, हसदेव घाट सर्वमंगला, बायपास रोड राताखार, जोड़ा नहर पुल राताखार, पंपहाउस घाट, मुड़ापार तालाब, एसईसीएल शिवमंदिर छठ घाट, मानिकपुर पोखरी, मानसनगर, हसदेव बरॉज दर्री के अलावा बांकीमोंगरा, दीपका, रजगामार, कुसमुंडा, कटघोरा और पाली क्षेत्र में छठ मईया के व्रती अपने परिजनों और शुभचिंतकों के साथ अस्ताचल की ओर बढ़ते ऊर्जा के प्रमुख स्त्रोत सूर्य को इस पर्व का पहला अघ्र्य देंगे। यही परंपरा मंगलवार को प्रात: निभाई जाएगी। बदलते मौसम के कारण इस वर्ष मौसम कुछ बदला हुआ सा है, फिर भी लोग कहते हैं कि वे मौसम के बजाय अपनी परंपरा की जड़ों को जीवंत करने पर ज्यादा भरोसा करेंगे।

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