जांजगीर चाम्पा। जिला जांजगीर-चांपा के भोजपुर-चांपा में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। रेलवे की जमीन पर एक प्रशासनिक अधिकारी ने अपने पद का दबाव दिखाकर अवैध निर्माण करवाया है। यह मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब यह देखा जाए कि यह जमीन वर्षों से सांस्कृतिक कार्यक्रमों और धार्मिक आयोजनों के लिए उपयोग की जाती रही है।
पहले भी हुआ था अवैध निर्माण
स्थानीय लोगों ने बताया कि इसी जगह पर पहले भी अवैध निर्माण किया गया था, जिसे रेलवे विभाग ने तोडक़र रोक लगाया था। लेकिन इस बार मामला अलग है क्योंकि कब्जा करने वाला व्यक्ति स्वयं एक अधिकारी है, और अपने प्रभाव का उपयोग कर -प्रशासनिक कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
मोहल्लेवासियों सूरज सहीस, जगेश्वर देवार और कमल कुमार देवागन ने इस संबंध में सहायक मंडल अभियंता (रेलपथ), दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, चांपा और मंडल रेल प्रबंधक बिलासपुर को शिकायत सौंपी है। शिकायत में उल्लेख है कि यह जमीन वर्षों से सांस्कृतिक कार्यक्रमों, बच्चों के खेलकूद और दुर्गा पूजा जैसे धार्मिक आयोजनों के लिए उपयोग की जाती रही है।
मोहल्लेवासियों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करके रेलवे प्रशासन और स्थानीय तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि रेलवे प्रशासन और स्थानीय अधिकारी मौन रहकर इस अवैध कब्जे को मौन स्वीकृति दे रहे हैं।
मोहल्लेवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे धरना-प्रदर्शन कर जनआंदोलन का रास्ता अपनाएँगे। प्रश्न यह उठता है- क्या प्रशासनिक अधिकारी का पद अब शासकीय भूमि हड़पने का हथियार बन चुका है? क्या रेलवे प्रशासन जनता की आवाज़ को एक बार फिर फाइलों में दबा देगा

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