
कोरिया बैकुंठपुर। छत्तीसगढ़ राज्य 25 वर्षों की गौरवशाली विकास यात्रा का रजत वर्ष मना रहा है। इस अवधि में पूरे राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। जिला कोरिया में भी स्कूली अधोसंरचना, सुविधाओं और परिणामों में अद्भुत वृद्धि हुई है।
साल 2000 में जिले में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 281 थी, जो बढक़र 387 हो गई। पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 76 से बढक़र 167 और हायर सेकेंडरी विद्यालयों की संख्या 22 से बढक़र 37 हो गई है।
इसी अवधि में विद्यालयों में छात्रों की दर्ज संख्या 21 हजार 51 से बढक़र 37 हजार 172 तक पहुँच गई है। इस आंकड़े से पता चलता है कि शिक्षा के प्रति आमजन की जागरूकता और पहुंच दोनों में वृद्धि हुई है।
परीक्षा परिणाम में ऐतिहासिक सुधार
सन् 2000 में हाईस्कूल (10वीं) परीक्षा परिणाम 46.31 प्रतिशत था, जो वर्ष 2025 में बढक़र 92.26 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार हायर सेकेंडरी (12वीं) परिणाम 67.15 प्रतिशत से बढक़र 94.26 प्रतिशत तक पहुँच गया है, जो जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढऩे की पुष्टि करता है।
छात्र हितैषी योजनाओं का असर
मध्यान्ह भोजन योजना के तहत वर्ष 2000 में 9,124 विद्यार्थियों को नि:शुल्क भोजन मिलता था, जबकि 2025 में यह बढक़र 25,516 विद्यार्थियों तक पहुँच गया है। कक्षा 1 से 10 तक लगभग 2 लाख 20 हजार छात्रों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें तथा कक्षा 1 से 8 तक 48,892 विद्यार्थियों को नि:शुल्क गणवेश प्रदान किए जा रहे हैं। इसके अलावा कक्षा 9वीं की एक हज़ार से अधिक छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल उपलब्ध कराई गई है, जिससे बेटियों की शिक्षा में बाधाएँ कम हुई हैं।
इसके अतिरिक्त जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, नवोदय विद्यालय और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जैसे महत्वपूर्ण संस्थान वर्ष 2000 के बाद स्थापित किए गए, जिनसे जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दायरा और मजबूत हुआ है।
विष्णु देव साय सरकार की विकासपरक योजनाओं और जन-भागीदारी के फलस्वरूप कोरिया जिले के दुर्गम व दूरस्थ अंचलों में शिक्षा की रोशनी तेजी से पहुंचने लगी है। इन 25 वर्षों में जिले ने शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान स्थापित की है, जो भविष्य में भी बच्चों के सर्वांगीण विकास की नींव को और मजबूत करेगी।





























