
कोरबा। हसदेव ताप विद्युत गृह कोरबा पश्चिम में उस समय हडक़ंप मच गया जब क्लोरीनेशन प्लांट में हताहत होने की सूचना आपात स्थिति नियंत्रक केंद्र को दी गई। केवल 45 सेंकड में रिस्पांस करते हुए सुबह के 11.59 बजे अग्निशमन कर्मचारी अपने वाहन के साथ पहुंचे और तुरंत ही क्लोरीनेशन प्लांट के सामने पानी की बौछार कर एक वाटर कर्टेन तैयार किया ताकि वहां पर क्लोरीन गैस के रिसाव को रोका जा सके। क्लोरीनेशन प्लांट के अंदर एक कर्मचारी फिसलकर गिर गया था जिससे वह चोटिल हो गया। उसे अग्निशमन कर्मचारियों द्वारा रेसक्यू किया गया।
क्लोरीनेशन प्लांट की शिफ्ट इंचार्ज सविता पटेला ने बताया कि क्लोरीनेशन प्लांट में टोनर को बदलने के बाद क्लोरीन गैस का रिसाव हुआ था। इससे अलार्म बजा। शिफ्ट इंचार्ज द्वारा घटना की सूचना आपात स्थिति नियंत्रक केंद्र को दी गई। आपात स्थिति नियंत्रक केंद्र ने त्वरित रूप से मुख्य दुर्घटना नियंत्रक, अग्निशमन विभाग, सुरक्षा विभाग, संधारण विभाग एवं औद्योगिक स्वास्थ्य केंद्र को सूचना दी। यह संरक्षा विभाग की ओर से संयुक्त पूर्वाभ्यास था, जिसमें डीएसपीएस कोरबा पूर्व समेत अन्य औद्योगिक इकाइयां एनटीपीसी, बालको, आईओसीएल, एलपीजीबीपी के संरक्षा विभाग के प्रतिनिधि शामिल रहे। इसके बाद औद्योगिक इकाई एनटीपीसी, बालको, आईओसीएल, सह एलपीजीबीपी के संरक्षा विभाग के प्रतिनिधियों के सूक्ष्म निरीक्षण संबंधी बातों को कारखाना प्रबंधक ने सुना और कार्यप्रणाली में आवश्यक बदलाव लाकर प्रक्रियाओं को और दुरूस्त करने की बात कही। इस पूर्वाभ्यास में रसायन विभाग से वरिष्ठ मुख्य रसायनज्ञ एके कुरनाल, अधीक्षण अभियंता (संरक्षा) आरके बंजारा, अधीक्षण अभियंता (संचालन) नरेंद्र कुमार उइके, अधीक्षण अभियंता (टरबाइन मेंटेनेंस) मनोज जायसवाल, अग्निशमन विभाग से जीपी पनरिया, मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरके. चैरे अपने दलबल के साथ शामिल हुए।
क्लोरीन प्लांट में बड़े-बड़े सिलेंडर में क्लोरीन गैस स्टोर रहता है। यहां क्लोरीनेटर सिस्टम के जरिए क्लोरीन को पानी में घुलित किया जाता है। यह पानी विद्युत संयंत्र में उपयोग किया जाता है। क्लोरीनेशन से विद्युत संयंत्र का पानी लंबे समय तक साफ-सुथरा रहता है। रसायन विभाग पानी को विभिन्न विधियों से निष्पादित कर खनिज रहित पानी तैयार करता है जिसे विद्युत संयंत्र में उपयोग किया जाता है।























