शुरू हुई एसआईआर : गणना पत्रक बांटने में जुटी टीम, स्थानांतरण पर लगाई रोक

कोरबा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कोरबा जिले में भी एसआईआर की प्रक्रिया से शुरू हो गई। वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मौजूदा सूची का मिलान करने के अलावा मतदाताओं के कई दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें पहले ही जानकारी दे दी गई है। इसके पीछे पात्र लोगों को मतदाता का अधिकार देना होगा। अपात्रों को व्यवस्था से पूरी तरह हटाना है। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने एसआईआर के काम में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण पर रोक लगाने वाला आदेश भी जारी कर दिया है।
बिहार सहित कई क्षेत्रों में फर्जी तरीके से वोट डाले जाने के मामले का खुलासा होने और इसके पीछे के खतरों को ध्यान में रखने के साथ निर्वाचन आयोग ने देश भर में विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरु कराया है। कुछ इलाकों में इस पर सहमति तो कुछ जगह बेमतलब की आपत्ति की जा रही है। इन सबसे परे आयोग ने कहा है कि यह काम तो होकर रहेगा। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में प्रक्रिया जारी है। कोरबा जिले में एसआईआर प्रक्रिया धरातल पर उतरने के साथ टीमें एक्टिव हो गई है। जबकि इससे पहले ही बूथ लेबल अधिकारियों और उनके सहयोगियों को विधानसभावार प्रशिक्षण दे दिया गया है। राजनीतिक दलों की बैठक लेने के साथ लोगों को एसआईआर के महत्व और इस मामले में बूथ लेबल एजेंटों की भूमिका बताई जा चुकी है। एसआईआर के दौरान अपनाई जाने वाली पद्धति में इनकी भूमिका मतदाताओं से जुड़ी समस्याओं से प्राथमिक सहयोग की हो सकती है। खबर के अनुसार कोरबा जिले में इस काम के लिए जो टीमें लगाई गई है उन्हें उपलब्धता के आधार पर गणना पत्रक दिए गए हैं और उक्तानुसार संबंधित कर्मियों ने अपना काम शुरू किया है। जानकारी मिली कि मुख्य रूप से 2003 की मतदाता सूची से मौजूदा सूची को मैच किया जाएगा। मतदाता की पात्रता का एक आधार यह भी है, इसके अलावा मतदाता सत्यापन के लिए 12 प्रकार के विकल्प भी दिए गए हैं। इनमें किसी को भी प्रस्तुत करने पर यह बात स्थापित होगी कि मतदाता संबंधित विधानसभा क्षेत्र के मामले में अपनी पात्रता रखता है। इसके बाद भी कई मामले ऐसे हैं जिनमें मतदाताओं के दूसरे राज्यों से कनेक्शन और मौजूदा विधानसभा क्षेत्र में उपस्थिति के अलावा कई चीजों के बारे में परीक्षण के साथ पूछताछ करने का प्रावधान है। संतोषजनक स्थिति होने पर अंतिम रूप से तय होगा कि उसे पात्र मानते हुए अधिकार देना है या अपात्रता के सिद्धांत पर छंटाई करना है।
एसआईआर का काम नवंबर के प्रथम सप्ताह से शुरू होकर फरवरी तक चलना है। लगभग 120 दिन में इसकी पूर्ति की जाए, इस पर जोर है। इसके पश्चात् अंतिम रूप से मतदाता सूची अपडेट की जाएगी, तब स्पष्ट हो सकेगा कि कोरबा जिले के किस विधानसभा क्षेत्र के कितने मतदाताओं की छंटाई की गई और कुल कितनी जनसंख्या ने अपना अधिकारी सुनिश्चित किया। दूसरी ओर राज्य सरकार ने एसआईआर को गंभीरता से लेते हुए इस कार्य में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी के लिए अगले आदेश तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। जीएडी की अवर सचिव अंशिका ऋषि पांडेय ने आदेश जारी किया है।

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