
टीएनपीडीसीएल की निविदा में सबसे अधिक शेयर मीनाक्षी एनर्जी लिमिटेड को 300 मेगावॉट और वेदांता लिमिटेड छत्तीसगढ़ थर्मल पावर प्लांट को 200 मेगावॉट की आपूर्ति के लिए मिले।*
नई दिल्ली, 6 नवंबर 2025।* वेदांता लिमिटेड की ऊर्जा व्यवसाय इकाइयों मीनाक्षी एनर्जी लिमिटेड (एमईएल) और वेदांता लिमिटेड छत्तीसगढ़ थर्मल पावर प्लांट (व्हीएलसीटीपीपी) ने तमिलनाडु पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (टीएनपीडीसीएल) के साथ 500 मेगावॉट का पावर पर्चेस एग्रीमेंट (पीपीए) किया है। इंडीपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर (आईपीपी) व्यवसाय के क्षेत्र में यह अनुबंध वेदांता के लिए मील का पत्थर है। इससे विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्तिकर्ता के तौर पर देश में कंपनी की स्थिति मजबूत हुई है।
लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) के अनुसार टीएनपीडीसीएल को एमईएल द्वारा 300 मेगावॉट और व्हीएलसीटीपीपी द्वारा 200 मेगावॉट विद्युत की आपूर्ति की जाएगी। अनुबंध की अवधि 1 फरवरी 2026 से 31 जनवरी 2031 तक पांच वर्षों के लिए 5.38 रुपए प्रति किलोवॉट घंटा के समतुल्य दर से प्रभावी होगी।
टीएनपीडीसीएल ने 1580 मेगावॉट विद्युत आपूर्ति की निविदा जारी की थी जिसमें से सबसे अधिक हिस्सेदारी वेदांता पावर की इकाइयों एमईएल, आंध्रप्रदेश और व्हीएलसीटीपीपी, छत्तीसगढ़ को मिली। यह पीपीए वेदांता पावर की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त और प्रचालन उत्कृष्टता का द्योतक है। वेदांता ने इन दोनों विद्युत इकाइयों का अधिग्रहण कर रिकॉर्ड समय में विद्युत उत्पादन प्रारंभ किया।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर वेदांता लिमिटेड के सीईओ-पावर राजिंदर सिंह आहूजा ने कहा कि ‘‘ देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए विश्वसनीय बेसलोड पावर बहुत जरूरी है। इस स्थिरता को सुनिश्चित करने की दिशा में तापीय विद्युत इकाइयांे की भूमिका अहम है। इस अनुबंध ने कुशल और भरोसेमंद विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में वेदांता की उत्तरोत्तर मजबूत हो रही नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है। एमईएल और व्हीएलसीटीपीपी से उत्पादन वेदांता के प्रचालन मॉडल की मजबूती और जटिल परिसंपत्तियों से मूल्य निर्माण क्षमता को प्रदर्शित करती है। चूंकि हम वेदांता पावर की पहचान के साथ अपने ऊर्जा पोर्टफोलियो के प्रस्तावित डीमर्जर की ओर से अग्रसर हैं ऐसे में इस पीपीए से हमारी राजस्व प्राप्ति, वित्तीय स्थिरता और भावी विकास की योजनाएं सुदृढ़ हुई है।
वेदांता ने वर्ष 2023 में आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में स्थित 1,000 मेगावॉट के तापीय विद्युत संयंत्र मीनाक्षी एनर्जी लिमिटेड का अधिग्रहण कर उसे पुनः प्रचालन में लाने की योजनाओं को तेजी से सफलतापूर्वक लागू किया। अधिग्रहण के दो वर्षों में संयंत्र ने अपनी पूर्ण प्रचालन क्षमता प्राप्त कर ली। इसी तरह छत्तीसगढ़ के सिंघीतराई में स्थित वेदांता लिमिटेड छत्तीसगढ़ थर्मल पावर प्लांट (व्हीएलसीटीपीपी) की उत्पादन क्षमता 1,200 मेगावॉट है। इस संयंत्र को पूर्व में एथेना छत्तीसगढ़ पावर लिमिटेड (एसीपीएल) के नाम से जाना जाता था जिसे वर्ष 2022 में अधूरी परियोजना के तौर पर अधिग्रहित किया गया था। अगस्त 2025 में इसकी पहली 600 मेगावॉट इकाई की कमीशनिंग हुई।
वेदांता अपने विभिन्न व्यवसायों में 12 गीगावॉट क्षमता के तापीय विद्युत इकाइयों का प्रचालन करता है। इसमें 5 गीगावॉट की मर्चेंट पावर क्षमता (आईपीपी परिसंपत्तियां) पंजाब, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में स्थित हैं। ये परिसंपत्तियां वेदाता पावर व्यवसाय के अंग हैं जिनके भरोसेमंद और निरंतर विद्युत आपूर्ति से देश की ऊर्जा सुरक्षा व आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने में मदद मिली है।
*वेदांता पावर के बारे में*: वेदांता समूह क्रिटिकल मिनरल्स, ट्रांजिशन मेटल्स, ऊर्जा एवं तकनीकी क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्वकर्ता है जिसके प्रचालन भारत और विदेशों में हैं। वेदांता का ऊर्जा व्यवसाय भारत के सबसे बड़े निजी थर्मल ऊर्जा व्यवसायों में से एक है, जिसके पास 12,000 मेगावाट से अधिक थर्मल पावर उत्पादन करने की क्षमता है। देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और उत्पादन में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए वेदांता पावर समर्पित है। वेदांता पावर के प्लांट मानसा, पंजाब (तलवंडी साबो पावर लिमिटेड), सिंघीतराई, छत्तीसगढ़ (वेदांता लिमिटेड छत्तीसगढ़ थर्मल पावर प्लांट), तिरुपति, आंध्र प्रदेश (मीनाक्षी एनर्जी लिमिटेड) और झारसुगु़ड़ा, ओडिशा (झारसुगुड़ा आईपीपी प्लांट) में स्थित हैं। इन संयंत्रों की कुल स्थापित मर्चेंट पावर क्षमता 4,780 मेगावाट है, जो देश भर में विभिन्न डिस्कॉम, उपयोगिताओं और उद्योगों को ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं।
मीनाक्षी एनर्जी लिमिटेड (एमईएल) आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के थम्मिनपट्टनम में स्थित है। एमईएल की चार इकाइयां (2 गुणा 150 मेगावॉट तथा 2 गुणा 350 मेगावॉट) हैं जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 1,000 मेगावॉट है। वेदांता लिमिटेड की यह सहायक कंपनी सुरक्षित विश्वसनीय और जिम्मेदार विद्युत उत्पादन की दिशा में प्रचालन एवं अनुरक्षण के कड़े मानकों, ईंधन बचत एवं सुरक्षा तथा मजबूत सामुदायिक भागीदारी का पालन सुनिश्चित करती है।
वेदांता लिमिटेड छत्तीसगढ़ थर्मल पावर प्लांट (व्हीएलसीटीपीपी) छत्तीसगढ़ राज्य के सक्ती जिले के ग्राम सिंघीतराई में स्थित कोयला आधारित 1200 मेगावॉट (2 गुणा 600 मेगावॉट) क्षमता का विद्युत संयंत्र है।
*वेदांता लिमिटेड के बारे में*: वेदांता समूह क्रिटिकल मिनरल्स, ट्रांजिशन मेटल्स, ऊर्जा एवं तकनीकी क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्वकर्ता है। इसके प्रचालन भारत, दक्षिण अफ्रिका, नामिबिया, लाइबेरिया, यूएई, सऊदी अरब, कोरिया, ताइवान तथा जापान में स्थित हैं। दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत जिंक उत्पादक, चौथे सबसे बड़े वैश्विक चांदी उत्पादक और दुनिया भर में एल्यूमिनियम के शीर्ष उत्पादकों में से एक के तौर पर एनर्जी ट्रांजिशन के लिए जरूरी सामग्रियों की वैश्विक आपूर्ति में वेदांता की भूमिका अहम है। यह कंपनी भारत की एकमात्र निजी तेल और गैस उत्पादक और सबसे बड़े निजी ऊर्जा उत्पादकों में से एक भी है। ग्लोबल ईएसजी चौंपियन के तौर पर, वेदांता 2050 तक या उससे पहले नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी परिवर्तनकारी प्रभावी सामाजिक पहलों के जरिए कंपनी ने जरूरतमंद क्षेत्रों में लगभग 70 लाख लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने में योगदान दिया है।


























