
धान खरीदी शुरू होने से पहले चार मांगों को लेकर हड़ताल
कोरबा। सरकार की व्यवस्था के अंतर्गत 15 नवंबर से कोरबा जिले में किसानों की धान खरीदी की जानी है। सरकार ने इसके लिए समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। जिले में मुख्य रूप से धान की तीन किस्मों का उत्पादन होता है और इसी के अनुक्रम में खरीदी की जाती है। खरीदी से ठीक पहले सहकारी समितियों के कर्मियों ने चार मांगों को लेकर हड़ताल की है। वे चाहते हैं कि इन मांगों पर पहले विचार हो।
कोरबा जिले में 49 समितियों के अंतर्गत 65 उपार्जन केंद्र शामिल हैं, जहां पर धान काा उपार्जन इस वर्ष 15 नवंबर से होना है। बीते वर्षों की तुलना में किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। वनभूमि का पट्टा किसानों को देने और कृषि रकबा में बढ़ोत्तरी होने के कारण किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है। बढ़ी संख्या के असली कारणों को पीछे रखते हुए प्रशासन ने 18 केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया है और निगरानी की बात कही है। इधर उपार्जन केंद्रों के कर्मचारी चार मुद्दों को लकर हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि उपार्जित मात्रा का उठाव समय पर कराना सुनिश्चित हो और ऐसा न होने पर सूखत होती है तो हमें क्षतिपूर्ति दी जाए। ट्रांसोर्टिंग से लेकर अन्य तीन मुद्दों पर उन्होंने अपना रूख कड़ा कर लिया है। उनका कहना है कि बेमतलब का दबाव बनाने और अन्य मसलों पर इंटरटेन भी नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने अन्य समस्याओं पर भी ध्यान आकर्षित कराया है। इससे पहले ही जिला स्तर पर प्रदर्शन करने के साथ सहकारी समिति कर्मचारी संघ अपनी मांगों से प्रशासन को अवगत करा चुका है। कहा गया कि वे सरकार का रूख अपनी मांगों को लेकर देखेंगे और 15 नवंबर से धान उपार्जन शुरू करने पर विचार करेंगे।
























