
नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने शुक्रवार को जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) एयरोस्पेस के साथ 113 जेट इंजन खरीदने का करार किया। इन इंजनों का उपयोग हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए में किया जाएगा। यह कदम टैरिफ के कारण कई महीनों से चले आ रहे तनाव के बाद अमेरिका के साथ संबंधों में गर्मजोशी का संकेत है। एक्स पर पोस्ट में, एचएएल ने कहा कि इस समझौते में 113 एफ404-जीई-आइएन20 इंजनों की आपूर्ति के साथ-साथ सहायता पैकेज भी शामिल है ताकि 97 तेजस एमके1ए विमानों के लिए फॉलो- ऑन या अनुवर्ती ऑर्डर की जरूरतें पूरी की जा सकें। इंजनों की आपूर्ति 2027 और 2032 के बीच होने की उम्मीद है। सौदे की कीमत का जिक्र नहीं किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने सितंबर में भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस एमके-1ए हल्के लड़ाकू विमान खरीदने के लिए एचएएल के साथ 62,370 करोड़ रुपये का करार किया था। तेजस एक इंजन वाला बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है। यह अत्यधिक खतरे वाले क्षेत्र में भी उड़ान भरने में सक्षम है। इसे वायु रक्षा, समुद्री टोही और हमलावर भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है। पड़ोसी चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के मद्देनजर वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रनों को मजबूत करने के लिए तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान महत्वपूर्ण हैं, लेकिन 2021 में आर्डर किए गए 99 इंजनों की धीमी डिलीवरी के कारण लड़ाकू विमान के निर्माण में देरी हुई है, जिनमें से अभी तक केवल चार ही पहुंच पाए हैं।

























