
कोरबा । सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया की अनुसांगिक कंपनी एसईसीएल बिलासपुर के अधीन कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजना कुसमुंडा खदान के आउटसोर्सिंग कंपनियों में खदान प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के नियोजन की मांग पर महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन हुआ। मुख्य गेट पर अलसुबह 6 बजे से ग्रामीणों ने तालाबंदी कर प्रदर्शन किया। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मकानों में दरारें आ गई है, कुआं व बोर धंस गए हैं। मगर इसे एसईसीएल प्रबंधन एसईसीएल खदान से प्रभावित नहीं मान रही है और इसका हवाला देकर आउटसोर्सिंग कंपनियों में नियोजन से वंचित रखा है। इस संबंध में मांगी गई लिखित जानकारी भी प्रबंधन ने नहीं दी है। आउटसोर्सिंग कंपनियों में नियोजन का निर्णय लेने के आश्वासन पर दोपहर लगभग डेढ़ बजे धरना समाप्त हुआ। एसईसीएल-कुसमुंडा खदान के खोडरी फेस पर मिट्?टी खनन शुरू हो गया है। माइंस विस्तार अब ग्राम पंचायत बाता के ग्राम अमगांव खनन क्षेत्र से लगभग 800 मीटर की दूरी पर है। धरना प्रदर्शन के दौरान जमीन अधिग्रहण के 11 साल बाद भी ग्राम अमगांव का मुआवजा पत्रक जारी नहीं करने पर विरोध जताया गया। ग्राम अमगांव के अधिग्रहण के बाद लेटलतीफी से खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने से ग्रामीणों की परेशानी पर धरने पर बैठे भू-विस्थापितों की नाराजगी सामने आई। खोडरी फेस पर खनन शुरू होने से आसपास ग्रामो के बेरोजगार युवाओं को ही शत-प्रतिशत आउटसोर्सिंग कंपनियों में नियोजन की मांग की गई। धरना की जानकारी मिलने पर एसईसीएल के अधिकारी मौके पर चर्चा करने पहुंचे। वार्ता विफल होने से भू-विस्थापितों ने धरना जारी रखा। ग्राम पंचायत बाता के सरपंच प्रतिनिधि कृष्ण गांधी ने कहा कि उड़ती धूल से उनकी जमीन की उर्वरा शक्ति घट रही है। इसका असर धान की पैदावार पर पड़ेगा। ग्राम अमगांव सहित आसपास ग्रामो के बेरोजगार युवाओं के नियोजन की मांग पर खदान प्रभावित क्षेत्र में नहीं होने का हवाला दिया। दूसरी ओर इन गांवों में निवासरत ग्रामीण खदान में ब्लास्टिंग से उड़ती धूल से परेशान हैं। कुआं व बोर धंसने से ग्रामीणों को नुकसान हुआ है। जब दूसरी बार एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन के अधिकारी वार्ता के लिए पहुंचने पर सभी मुद्दे पर चर्चा की गई। इन ग्रामो के सर्वे कर जानकारी जुटाने की बात अधिकारियों ने कही है।
























