कोरिया जिले से फिर लौटा 11 हाथियों का दल कटघोरा वनमण्डल, बढ़ाई गई निगरानी

कोरबा। जिले के कटघोरा एवं कोरबा वनमंडल में हाथियों का आतंक लगातार जारी है। यहां के कटघोरा वनमंडल से 11 की संख्या में अलग होकर हाथियों का एक झूण्ड पड़ोसी कोरिया जिला चला गया था। जिससे वन विभाग तथा वनांचल के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन हाथियों का यह दल एक बार फिर तनेरा व सेमरहा गाड़ा गोड़ा के रास्ते कटघोरा वन मण्डल पहुंच गये है। जिससे वन विभाग की परेशानी और भी बड़ गई है। इसे देखते हुए निगरानी बड़ा दी गई है। हाथियों का यह दल वर्तमान में पसान व जटगा रेंज की सीमा पर है। हाथियों के दल ने यहां पहुंचने से पूर्व रास्ते में कई ग्रामीणों के धान की फसल को रौंद दिया। जिससे संबंधितों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। कटघोरा वन मण्डल के ही एतमानगर रेंज के मड़ई व पचरा क्षेत्र में पहले से 42 हाथियों का दल मौजूद है जो लगातार उत्पात मचाकर ग्रामीणों व वन विभाग के नाकों में दम कर रखा है। हाथियों का यह दल दिनभर जंगल में विश्राम करने के बाद रात में निकलता है और खेतों में पहुंचकर वहां लगे धान की फसल को रौंदने के साथ तहस-नहस कर देता है, जिससे ग्रामीण काफी हलाकान है। ग्रामीणों द्वारा हाथी समस्या को समाप्त करने तथा अपने फसल की सुरक्षा की गुहार लगातार लगाई जा रही है लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है जो चिंता का विषय है। वन विभाग अपनी ओर से हाथियों पर नियंत्रण करने की कोशिश में लगे हुए है लेकिन उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। इस बीच कोरबा वन मण्डल के करतला रेंज में भी हाथियों का उत्पात जारी है। यहां के पीडिया व बांधाखार क्षेत्र में 38 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथियों के दल ने बीती रात फिर उत्पात मचाते हुए दोनों गांव में 12 से अधिक किसानों की धान की फसल को मटियामेट कर दिया है, जिसका आकंलन वन अमला मौके पर पहुंचकर कर रहा है। हाथियों के दल में शामिल एक दंतैल हाथी दल से अलग होकर बोतली गांव के पास पहुंच गया था और वहां शिवनारायण कंवर नामक एक 36 वर्षीय युवक से सामना होने पर उस पर हमला कर उसे घायल करने के साथ पैरोतले कुचल दिया था, जिससे उसकी घटना स्थल पर मौत हो गई थी। इस घटना के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया था जिसे वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने किसी तरह समझा-बुझा कर शांत कराया। क्षेत्र में हाथियों के द्वारा लगातार फसल रौंदे जाने तथा उत्पात से ग्रामीण बेहद परेशान है।

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