
कोरिया बैकुंठपुर। जिले में धान खरीदी की तैयारी के बीच जिला प्रशासन ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए आदिम जाति सहकारी समितियों में लगे ताले तोड़ दिए। यह कदम उस समय उठाया गया जब आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के प्रबंधक और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए, जिससे जिले में धान खरीदी की प्रक्रिया पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। किसानों को समय पर धान विक्रय में कोई बाधा न आए, इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार को एडीएम उमेश पटेल और तहसीलदार अमृता सिंह की मौजूदगी में जामपारा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कार्यालय का ताला तोड़ा गया। इस दौरान राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी, पुलिस बल और स्थानीय प्रशासनिक अमला भी मौके पर मौजूद रहा। ताला तोडऩे के बाद समिति के कार्यालय की औपचारिक जांच की गई और आवश्यक दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जिले की अन्य आदिम जाति सहकारी समितियों के बंद कार्यालयों का भी क्रमवार तरीके से ताला तोड़ा जाएगा ताकि धान खरीदी का कार्य निर्धारित समय पर प्रारंभ किया जा सके। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि शासन की मंशा के अनुरूप किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की जा रही है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के नेतृत्व में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और खाद्य मंत्री के निर्देशानुसार राज्यभर में धान खरीदी को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। किसानों को सुशासन की भावना के अनुरूप सुविधा प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है। ऐसे में जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि हड़ताल की आड़ में किसानों को उनके अनाज विक्रय में कोई बाधा न झेलनी पड़े। हड़ताल पर गए कर्मचारियों की मांगों को लेकर शासन स्तर पर बातचीत जारी है, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जनता के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि ‘धान खरीदी व्यवस्था एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें विलंब से हजारों किसानों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
ऐसे में सरकार की प्राथमिकता किसान हैं, और उनके हित में यह कदम उठाया गया है। इस कार्यवाही के बाद प्रशासनिक हलकों में यह संदेश स्पष्ट हो गया है कि सरकार किसानों के हितों के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही या अड़चन को बर्दाश्त नहीं करेगी। वहीं दूसरी ओर, स्थानीय किसान संगठन ने प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत किया है और कहा है कि ‘समय पर खरीदी शुरू होना बेहद जरूरी है, ताकि किसानों को आर्थिक राहत मिल सके। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में समितियों की हड़ताल खत्म होती है या प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खरीदी प्रक्रिया को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लेता है। फिलहाल जिला प्रशासन की तत्परता से किसानों को यह भरोसा मिला है कि इस वर्ष धान खरीदी सुचारू रूप से संचालित होगी और किसी को भी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।






















