नोएडा-ग्रेटर नोएडा में रेड जोन में एक्यूआई हवा में बढ़ा प्रदूषण और कागजों में नियम बंद

ग्रेटर नोएडा। दिल्ली एनसीआर के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 400 को पार कर गया है। इसके कारण दिल्ली-एनसीआर के शहरों में ग्रेप का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है, जिससे निर्माण कार्य, बीएस तीन व बीएस चार मानकों वाले वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध, विध्वंस कार्य और सडक़ निर्माण जैसे कार्य पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं। बावजूद इसके बुधवार को ग्रेटर नोएडा में खुले में कूड़ा फेंका गया, कूड़े में आग लगाई गई और बिना ढक़े निर्माण सामग्री का आवागमन होता दिखा और साइटों पर निर्माण कार्य भी बेरोकटोक होता हुआ दिखाई दिया। इस दौरान ग्रेप तीन के नियमों कागजों में हांफता हुआ मिला। जिम्मेदारों की कार्रवाई भी नदारद रही। दरअसल, बुधवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के शाम चार बजे जारी बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली का एक्यूआई 418 (गंभीर श्रेणी) रेड जोन में दर्ज हुआ। ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 387 (खराब श्रेणी) रेड जोन में और नोएडा का एक्यूआई 408 (गंभीर श्रेणी) रेड जोन में दर्ज हुआ। एनसीआर के शहरों में प्रदूषण की रोकथाम व एहतियात के तौर पर 400 से अधिक एक्यूआई दर्ज होने पर ग्रेप का तीसरा चरण लागू हो जाता है।
वहीं आइक्यू एयर एप पर दो दिन पहले एक्यूआई का स्तर 700 तक पहुंच गया था। ऐसे में प्रदूषण विभाग, प्राधिकरण समेत अन्य स्थानीय निकाय की जिम्मेदारी ग्रेप तीन के तहत पाबंदियों को लागू कराना होता है, लेकिन बुधवार को ग्रेटर नोएडा में इसका कोई असर नहीं दिखा। उल्टा शहर के सेक्टर-36, साइट पांच, सूरजपुर समेत अन्य स्थानों पर खुले में निर्माण सामग्री रखा हुआ मिला।

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