
एमसीबी। ग्राम पंचायत कोथारी में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मनरेगा योजनाओं के तहत सरकारी राशि के दुरुपयोग का बड़ा मामला सामने आया है। जांच में सरपंच और आवास मित्र की मिलीभगत से फर्जी जियो टैग व मस्टररोल तैयार कर भुगतान करने का मामला प्रमाणित पाया गया। प्रशासन ने दोनों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम पंचायत कोथारी की सरपंच श्रीमती यशोदा सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रा.) के अंतर्गत अपने नाम पर एक और परिवार के दो अपात्र सदस्यों के नाम पर आवास स्वीकृत करवाए। आवास मित्र के साथ सांठगांठ कर फर्जी जियो टैग बनवाए गए और उन पर किस्तों का भुगतान भी करवा लिया गया। इतना ही नहीं, मनरेगा के अप्रमाणित मस्टररोल के आधार पर मजदूरी भुगतान का भी खुलासा हुआ है। इसी तरह ग्राम पंचायत के आवास मित्र श्री राजकुमार यादव ने स्वयं के नाम पर एक और परिवार के चार अपात्र सदस्यों को योजना का लाभ दिलाया। जांच में यह भी सामने आया कि सभी आवासों के जियो टैग फर्जी हैं और भुगतान मनरेगा की गैर प्रमाणित मस्टररोल से किया गया।


















