
बरेली, १८ नवंबर ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना से नाथ नगरी बरेली अब सांस्कृतिक-आध्यात्मिक कला के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित होने जा रही है। शहर के प्रमुख चौराहों, मार्गों, धार्मिक स्थलों और सरकारी परिसरों में 19 भव्य फोकस वॉल का निर्माण किया जाएगा। भित्ति वॉल पर भारत की प्राचीन सभ्यता, नाथ परंपरा, महाभारतकालीन इतिहास और स्थानीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहरों का ऐसा शानदार प्रदर्शन होगा, जैसा अब तक किसी भी शहर में नहीं देखा गया। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप युवाओं को भारत के गौरवशाली अतीत, प्राचीन और समृद्धशाली संस्कृति से परिचय करायेगी। युवाओं और पर्यटकों को बरेली के 5000 वर्ष पुराने इतिहास और आध्यात्मिक विरासत से जोडऩे का माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि फोकस वॉल का विचार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस परिकल्पना से प्रेरित है जिसमें उत्तर प्रदेश की सभ्यता को ग्लोबल टूरिज्म मॉडल से जोडक़र रोजगार, पर्यटन और सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को बढ़ाना शामिल है। इन फोकस वॉल पर बनने वाले भित्ति-चित्र अजंता-एलोरा की शैली पर आधारित होंगे। इन चित्रों में भगवान शिव के त्रिशूल और डमरू, नाथ योगियों के प्रतीक, देवी-देवताओं की आकृतियां, बरेली की आध्यात्मिक पहचान, महाभारतकालीन नगर की विरासत और स्थानीय लोककला को जीवंत कलात्मक स्वरूप दिया जाएगा। पर्यटन विभाग ने सर्वे करने के बाद ऐसे स्थानों को चुना है। जहां से सबसे ज्यादा पर्यटक और राहगीर गुजरते हैं। जिससे उनकी नजर अनायास ही फोकस वाल पर चली जायेगी। फोकस वाल को आधुनिक रंग रोगन और सज्जा के साथ भव्य रूप दिया जा रहा है। जिससे वहां से गुजरने वालों की आंखे बरवस ही उस ओर खिंची चली जायेंगी। मनोहर भूषण इंटर कॉलेज ग्राउंड, एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय, सुरेश शर्मा नगर चौराहा, डी.डी.पुरम पार्क, नियर स्टेडियम, कुदेशिया अंडरपास, बीसलपुर चौराहा, विकास भवन चौराहा, आयुक्त कार्यालय, उद्योग विभाग कार्यालय, त्रिवटी नाथ मंदिर मैकेनियर रोड, 100 फुटा तिराहा आदिनाथ चौक, इन्वर्टिस तिराहा बड़ा बाइपास, रेलवे स्टेशन, मिनी बाइपास इज्जतनगर रेलवे स्टेशन, झुमका तिराहा, और पर्यटन कार्यालय रोहिला होटल वॉल। नैनीताल, रामनगर, काठगोदाम, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, दुधवा नेशनल पार्क और उत्तराखंड की ओर जाने वाले हजारों पर्यटक रोज बरेली से गुजरते हैं, लेकिन शहर के वास्तविक सांस्कृतिक वैभव से अनजान रहते हैं। अब फोकस वॉल उन्हें पहली बार बरेली की आध्यात्मिक परंपरा, महाभारतकालीन पहचान, सांस्कृतिक विरासत और लोककला से परिचित कराएगी। यह परियोजना स्थानीय कलाकारों, पेंटरों, शिल्पियों और तकनीकी कार्यकर्ताओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी करेगी। पर्यटन विभाग के अनुसार, फोकस वॉल बनने के बाद नाथनगरी बरेली को उत्तर प्रदेश के धार्मिक–सांस्कृतिक पर्यटन मार्ग में शामिल करने का भी प्रस्ताव है।इस परियोजना पर कुल 621.33 लाख रुपये (लगभग 6 करोड़ 21 लाख 33 हजार रुपये) खर्च किए जाएंगे। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि बरेली केवल झुमके तक ही सीमित नहीं है।





















