
अररिया, २९ नवंबर।
बिहार में अररिया जिले के फारबिसगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला को अगवा कर तीन महीने तक कई इलाकों में बंधक बनाकर रखा गया। उसपर मतांतरण के लिए दबाव भी डाला गया। किसी तरह वह आरोपितों के चंगुल से बचकर घर पहुंची। जिसके बाद पति के साथ अररिया व्यवहार न्यायालय पहुंचकर 27 नवंबर को मुकदमा दायर किया।मुकदमे में उसने नरपतगंज थाना क्षेत्र निवासी मो. आलम आजाद सहित आठ लोगों पर आरोप लगाए हैं। पीडि़ता के अनुसार, मो. आलम ने 25 अगस्त को उसे फोन पर झांसा दिया कि उसके पति ने बुलाया है। वह घर से निकली तो आलम उसे जबरन अपनी कार में बैठाकर सुपौल जिले के भीमपुर गांव ले गया।वहां कई दिन बंधक रखने के बाद उसे अररिया लाया गया, जहां उसके आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ की गई। आरोप लगाया कि आलम को दूसरे लोगों से उसे विदेश में बेचे जाने की बात करते हुए भी सुनी। इसके बाद उसे फिर भीमपुर और आलम के पैतृक गांव में कैद रखा गया।आरोपितों के स्वजन ने आपत्तिजनक खाद्य पदार्थ खाने और मतांतरण करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर मारपीट की गई। बाद में आलम उसे सहरसा से दिल्ली ले गया, जहां कई दिनों तक एक किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा और उसके बच्चे को जान से मारने की धमकी दी।लंबे समय तक कैद और उत्पीडऩ के बाद वह किसी तरह 25 नवंबर को अपने ससुराल पहुंची। डर और सामाजिक कलंक के कारण पहले चुप रही, लेकिन बाद में हिम्मत जुटाकर अपने पति के साथ मिलकर उसने न्यायालय की शरण ली है।


















