
नईदिल्ली, 01 दिसम्बर ।
पर्यावरण संतुलन की आधारशिला साउथ सेंट्रल रिज को बचाने के लिए वसंत कुंज बी-1 रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के सदस्यों ने रविवार को जंतर- मंतर पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीडीए और एमसीडी के अधिकारियों ने मास्टर प्लान और पर्यावरण संरक्षण नियमों का उल्लंघन कर रिज की भूमि पर तीन लग्जरी टावरों के निर्माण की अनुमति दी है। जो पर्यावरण के खिलाफ है। प्रदर्शनकारी दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल से इस परियोजना पर तत्काल रोक लगाने की मांग कर रहे है। प्रदर्शनकारी आरडब्ल्यूए सदस्यों का आरोप है कि प्रशासन ने रियल एस्टेट लाबी के दबाव में आकर न केवल इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी को नजरअंदाज किया है, बल्कि दिल्ली के हरित क्षेत्र की सुरक्षा के प्रति भी घोर लापरवाही बरती है। आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि यह निर्माण कार्य मास्टर प्लान 2021 के तहत निर्धारित संरक्षित वन क्षेत्र के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है।
उनका कहना है कि रिज क्षेत्र में किसी भी प्रकार का सरकारी या निजी निर्माण कार्य न केवल यहां की सघन हरियाली को नष्ट करेगा बल्कि क्षेत्र के भूजल स्तर को भी गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। प्रशासन की कथित मनमानी के खिलाफ हाथों में रिज बचाओ की तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह रिज की भूमि को किसी भी कीमत पर व्यावसायिक उपयोग के लिए नहीं देंगे। उन्होंने राष्ट्रपति और उपराज्यपाल से तत्काल मामले में हस्तक्षेप कर इस अवैध निर्माण के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली के अन्य नागरिक समूहों को साथ लेकर और अधिक तेज करेंगे।





















