ठेकेदार की लापरवाही से जनता बेहाल कलेक्टर ने दिए कड़े निर्देश

बलरामपुर। राष्ट्रीय राजमार्ग 343 पर 90 करोड़ रुपए की लागत से रामानुजगंज से बलरामपुर तक 29 किलोमीटर लंबी टू-लेन सडक़ का निर्माण कार्य इन दिनों तेजी से जारी है। लेकिन निर्माण के शुरुआती चरण में ही ठेकेदार की गंभीर लापरवाही उजागर होने लगी है, जिसके चलते आमजन का जीवन मुश्किलों से भर गया है। जिला मुख्यालय में प्रवेश करते ही धूल का घना गुब्बार वातावरण को ढक लेता है। सुबह और शाम के समय तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब धूल के बादल पूरी सडक़ को सफेद धुंध की तरह ढक देते हैं। पूरे मार्ग पर धूल की समस्या इतनी गंभीर है कि वाहन चालकों, राहगीरों, व्यापारियों और आसपास रहने वाले लोगों का चलना-फिरना दूभर हो गया है। लगातार उड़ती धूल से खांसी, एलर्जी और सांस लेने में दिक्कत जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार निर्माण स्थल पर नियमित पानी का छिडक़ाव नहीं कर रहा है, जिसके कारण सडक़ पर धूल की मोटी परत जम गई है और रात के समय दृश्यता बेहद कम हो जाती है। लोगों का यह भी कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अधिकारी न तो स्थल निरीक्षण कर रहे हैं और न ही ठेकेदार को नियमों का पालन कराने में गंभीरता दिखा रहे हैं। इधर, बढ़ती शिकायतों को देखते हुए कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तलब किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सडक़ निर्माण कार्य के दौरान धूल नियंत्रण के लिए नियमित और निरंतर पानी का छिडक़ाव अनिवार्य रूप से कराया जाए। साथ ही सडक़ पर उभर रही खराबियों को दूर करने के लिए तत्काल पेच रिपेयर कार्य प्रारंभ करने के आदेश भी जारी किए गए हैं। कलेक्टर ने चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने पर ठेकेदार तथा संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, प्रशासनिक हस्तक्षेप से स्थानीय लोगों ने राहत की उम्मीद जताई है और आशा व्यक्त की है कि जल्द ही धूल की समस्या से निजात मिलेगी तथा सडक़ निर्माण सुचारु रूप से आगे बढ़ेगा। रामानुजगंज से बलरामपुर के बीच पानी का छिडक़ाव नहीं किया जा रहा है वहीं जिला मुख्यालय में भी स्थिति अत्यंत गंभीर है यहां आने वाले प्रतिदिन हजारों लोग धूल से परेशान हो रहे हैं परंतु यहां भी पानी का छिडक़ाव नहीं किया जा रहा है।

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